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गर्भवती की जान बचाने को पति से मांगी अनुमति, रामपुर में पायलट और ईएमटी ने एंबुलेंस में कराई डिलीवरी

प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला एंबुलेंस से अस्‍पताल निकली लेकिन संयोग से रेलवे क्रासिंग बंद था। पहली बार भी महिला ने एंबुलेंस में ही बच्‍चे को जन्‍म दिया था। दूसरी बार भी ऐसा ही हुआ।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 09:19 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 08:54 AM (IST)
गर्भवती की जान बचाने को पति से मांगी अनुमति, रामपुर में पायलट और ईएमटी ने एंबुलेंस में कराई डिलीवरी
गर्भवती की जान बचाने को पति से मांगी अनुमति, रामपुर में पायलट और ईएमटी ने एंबुलेंस में कराई डिलीवरी

रामपुर, जेएनएन। मिलक में नगर स्थित पटवाई रेलवे क्रासिंग बंद होने से जाम में फंसी एंबुलेंस में ही महिला ने बच्ची को जन्म दे दिया। क्रासिंग खुलने पर जच्चा-बच्चा को रजपुरा स्थित पीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां दोनों ही स्वस्थ हैं। दो वर्ष पूर्व भी इस महिला को प्रसव पीड़ा हुई थी तब भी यह रेलवे क्रासिंग बंद मिला था। तब भी महिला ने एंबुलेंस में ही बच्ची को जन्म दिया था।

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कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मिलक बाकर अली निवासी राम निवास की 24 वर्षीय पत्नी बबली को शुक्रवार की रात प्रसव पीड़ा हुई। इस पर 108 एंबुलेंस को फोन कर बुलाया गया। एंबुलेंस के पायलट संजीव यादव और ईएमटी सुनील कुमार रात दस बजे प्रसूता के साथ उसके पति और सास नत्थू देवी को लेकर अस्पताल के लिए रवाना हुए। इस दौरान नगर स्थित पटवाई रेलवे क्रासिंग बंद होने के कारण एंबुलेंस जाम में फंस गई। पत्नी को प्रसव पीड़ा से तड़पता देख उसके पति ने गेट मैन से क्रासिंग खोलने का अनुरोध किया। लेकिन, निराशा ही हाथ लगी। उसके पति का कहना है कि प्रसव पीड़ा से बबली तड़पने लगी तो किसी अनहोनी की आशंका को देख पायलट और ईएमटी ने उससे एंबुलेंस में ही डिलीवरी कराने की अनुमति मांगी। जान खतरे में देख उन्होंने सहमति दे दी। रात साढ़े दस बजे महिला ने एंबुलेंस में ही एक स्वस्थ कन्या को जन्म दिया। इस दौरान बंद रेलवे क्रासिंग से तीन ट्रेनें गुजरी। रात के पौने ग्यारह बजे रेलवे क्रासिंग खुलने के बाद रजपुरा स्थित पीएचसी लेकर गए। चिकित्सकों ने जांच की और दोनों को स्वस्थ बताया। पीएचसी पर तैनात स्टाफ नर्स प्रीति देवी ने एंबुलेंस के पायलट और ईएमटी के द्वारा एंबुलेंस में डिलीवरी कराने के फैसले को सही बताया। कहा ऐसा न करने पर दोनों की जान को खतरा हो सकता था।

दो वर्ष पूर्व भी एंबुलेंस में ही दिया था बच्ची को जन्म

एंबुलेंस के अंदर शुक्रवार की रात बच्ची को जन्म देने वाली महिला दो वर्ष पूर्व भी इसी तरह के हालात से गुजरी थी। तब भी उसने एक बच्ची को एंबुलेंस में ही जन्म दिया था। महिला के पति रामनिवास ने बताया कि उसकी पत्नी बबली को दो वर्ष पूर्व प्रसव पीड़ा होने पर डिलीवरी के लिए एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल ले जा रहे थे। उस समय भी नगर स्थित पटवाई रेलवे क्रासिंग बंद था। घंटों फाटक बंद रहने पर उसकी पत्नी ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया था। इस बार भी शुक्रवार की रात दूसरी बार प्रसव पीड़ा होने पर उसे एंबुलेंस से अस्पताल लेकर आ रहे थे। इस बार भी पटवाई रेलवे क्रासिंग बंद मिला और पूर्व की भांति उसकी पत्नी ने एंबुलेंस में ही बच्ची को जन्म दिया।

उपमुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी नहीं हुआ ओवरब्रिज का निर्माण

भाजपा की सरकार बनने पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने रामपुर का दौरा किया था। तब उन्होंने जनसभा में पटवाई रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण की मंजूरी मिल जाने और निर्माण कार्य जल्द शुरू किए जाने की घोषणा की थी। घोषणा किए हुए तीन साल का बीत चुके हैं। मगर आज तक ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया गया।

दशकों पुरानी है ओवरब्रिज बनाए जाने की मांग

नगर का रेलवे क्रॉ¨सग अक्सर बंद रहने से जाम लगा रहता है। इससे गंभीर मरीजों की जान पर बन आती है। इसके अलावा व्यापारियों को रोजाना जाम में फंसने पर काफी समय बर्बाद करना पड़ता है। क्रासिंग बंद होने के कारण स्कूली बच्चे समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते। नगर से शाहबाद की ओर जाने वाला पटवाई मार्ग नगर का दूसरा सबसे व्यस्त मार्ग है। शाहबाद और मिलक को जोड़ने के साथ-साथ यह मार्ग जिले से सटे बदायूं और रामपुर को जाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग का काम करता है। इस पर अक्सर जाम लगने के कारण क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कत होती है। इसके अलावा अक्सर मालगाड़ियां बीच रेलवे क्रासिंग पर तीन से चार दिनों के लिए खड़ी कर दी जाती हैं। जिससे नगर का संपर्क अन्य गांवों से पूरी तरह कट जाता है। क्षेत्रवासी इस समस्या के संपूर्ण समाधान के लिए क्रॉ¨सग पर ओवरब्रिज बनाए जाने की दशकों से मांग कर रहे हैं। मगर अभी तक ओवर ब्रिज नहीं बन सका है। 


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