Lockdown: लोगों को नहीं होगी परेशानी,रामपुर की चक्कियों में पिस रहा पांच लाख किलो आटा
जिलाधिकारी ने कहा अफवाहों पर जनता न दें ध्यान सारा सामान है उपलब्ध। प्रशासन पूरी तरह है सतर्क गाजियाबाद से दवा और दालों के ट्रक मंगाए।
रामपुर,जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान किसी भी चीज की कोई कमी न होने पाए, इसे लेकर प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह खुद इस पर नजर रखे हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार शाम गाजियाबाद से दवा और दालों के ट्रक मंगाए गए। दस ट्रक आटा भी सप्लाई किया गया है, जबकि पांच हजार ङ्क्षक्वटल आटा रामपुर की चक्कियों में पिसवाया जा रहा है। राइस मिलों में चावल और चीनी मिलों में चीनी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। सारा सामान उपलब्ध है।
कस्बे और गांव में रहने वाले लोग किराना और परचून की दुकानों से खाद्य सामग्री खरीदते हैं। लॉकडाउन के चलते कई दुकानों पर राशन खत्म हो गया है। दुकानदार रास्ते बन्द होने के कारण शहर भी नहीं जा पा रहे हैं। इसके साथ ही एक दर्जन गांव ऐसे हैं, जिन्हें नेटवर्क देने वाले प्राइवेट कंपनी का मोबाइल टावर लगभग दो माह से खराब है। इन गांवों में रहने वाले ग्रामीण फोन का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। नेटवर्क न आने के कारण उनके फोन काम नहीं कर रहे और न ही वह फेसबुक, ट््िवटर या व्हाट््सएप चला पा रहे हैं। शासन के द्वारा व्हाट््सएप, फेसबुक और ट््िवटर पर हेल्पलाइन नंबर, राशन विक्रेता, दवाइयां, दूध, सब्जी विक्रेताओं के फोन नंबर जारी किए गए हैं। गांव रासडंडिया निवासी मोहित गंगवार ने बताया कि उनकी गांव में मिलक-केमरी पर परचून की दुकान है। दुकान में अधिकतर सामान खत्म हो चला है। फोन नहीं कर सकते क्योंकि, गांव का मोबाइल टावर खराब है। अब हम किस तरह राशन मंगवाए और ग्रामीणों को राशन बेचें? ग्रामीणों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के गल्ला विक्रेता द्वारा राशनकार्ड धारकों को राशन वितरित किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन लोगों का क्या? जिनका राशन कार्ड नहीं है। यही समस्या नगर केमरी क्षेत्र में रोजाना दिहाड़ी करने वाले मजदूरों की है। काम बंद होने के कारण रोटी के लाले पड़ उनके घर तक भी खाने का राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। लोग दुकानों से राशन खरीदते हैं। लोगों को अपना परिवार चलाने में दिक्कत आ रही है।