Move to Jagran APP

लॉकडाउन में पैदल श्रमिकों ने बढ़ायी थी रोडवेज की आय

अनलॉक होने के बाद कारोबार पूरी तरह से गति नहीं पकड़ा पाया है। लॉकडाउन में पैदल जाने वाले श्रमिकों ने मई में रोडवेज की आय बढ़ा दी थी। रोडवेज की 28 करोड़ की आय हुआ है। उसके बाद रोडवेज आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती चली गई।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 01:30 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 01:30 PM (IST)
लॉकडाउन में पैदल श्रमिकों ने बढ़ायी थी रोडवेज की आय
लॉकडाउन में पैदल श्रमिकों ने बढ़ायी थी रोडवेज की आय

मुरादाबाद, जेएनएन। अनलॉक होने के बाद कारोबार पूरी तरह से गति नहीं पकड़ा पाया है। लॉकडाउन में पैदल जाने वाले श्रमिकों ने मई में रोडवेज की आय बढ़ा दी थी। रोडवेज की 28 करोड़ की आय हुआ है। उसके बाद रोडवेज आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती चली गई। हालत यह है कि रोडवेज प्रबंधन ने पैसेंजर टैक्स जमा करना बंद कर दिया है।

loksabha election banner

करोना से पहले मुरादाबाद मंडल में रोडवेज की 701 बस चलती थी। जिससे प्रत्येक माह बीस करोड़ रुपये की आय होती थी। कोरोना संक्रमण फैलते ही 22 मार्च से लॉक डाउन शुरू हो गया। रोडवेज की बसें चलना बंद हो गया। जिससे रोडवेज की आय बंद हो गई।

अप्रैल में लॉकडाउन होने पर नोएडा दिल्ली के सड़क पर काफी श्रमिक पहुंच गए थे। शासन के निर्देश पर मुरादाबाद से 85 बसें भेजी गई थी। प्रदेश सरकार ने 45 लाख रुपये बस का किराया दिया था।

पैदल श्रमिक ने बढ़ायी थी आय

लंंबी लॉकडाउन चलने से मई में श्रमिक पैदल घर जाना शुरू कर दिया था। प्रदेश सरकार श्रमिकों को घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रोडवेज प्रबंधक को सौंपा था। इसके साथ ही दूसरे प्रदेश में फंसे छात्रों को लाने के लिए रोडवेज की बसों को भेजा गया था। मई में 1796 रोडवेज बस चलाया गया। 59182 पैदल चलने वाले श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचा। प्रदेश सरकार ने रोडवेज को 28 करोड़ रुपये किराया का भुगतान किया है। 20 करोड़ रुपये रोडवेज की खर्च हुआ और आठ करोड़ रुपये शुद्ध लाभ हूुआ।

अनलॉक में रोडवेज की हालत हुई खराब

एक जून से अनलॉक शुरू हो गया। सरकार के आदेश पर रोडवेज ने बसों को चलना शुरू कर दिया। यात्री घर से नहीं निकल रहे थे। यात्री नहीं होने के बाद भी रोडवेज प्रबंधन प्रत्येक दिन दो सौ बस चला रहा था। बस में सीट की क्षमता के 15 फीसद यात्री सवार नहीं हो रहे थे। पैसेंजर टैक्स देने से बचने के लिए रोडवेज ने 250 बसों का परमिट परिवहन को वापस कर दियाथा। जून में 11.25 लाख यात्री सफर किया। जिससे छह करोड़ रुपये की टिकट की बिक्री हुई। जिससे रोडवेज को 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जुलाई में यात्रियों की संख्या बढ़ना शुरू हुआ। 15.54 लाख यात्री सफर किया और 8.61 करोड़ रुपये टिकट की बिक्री हुआ, जिससे 11.39 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अगस्त में 22.50 लाख सफर किया और 13.51 करोड़ रुपये टिकट की बिक्री हुई। जिससे 6.49 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सितंबर में 23.40 लाख यात्री सफर किया और 14.26 करोड़ रुपये की टिकट की बिक्री हुई। इस माह भी 5.74 करोड़ का नुकसान हुआ।

उत्तराखंड बस के जाने से स्थिति में सुधार

पहली अक्टूबर से उत्तराखंड में यूपी रोडवेज की बस को चलने की अनुमित मिल गई है। जिससे रोडवेज की आय में वृद्ध हुई है। पांच दिन में रोडवेज ने 3.60 करोड़ रुपये की टिकट की बिक्री हुई है। इसी तरह से यात्री का मिलता रहा तो अक्टूबर में आय बढ़कर 20 करोड़ हो सकता है।

क्या बोले अधिकारी

मई माह को छोड़कर अप्रैल से सितंबर तक रोडवेज घाटे में चल रही है। अक्टूबर से उत्तराखंड की बसें चलना शुरू हुआ है। जिससे काफी आय बढ़ी है। आय कम होने से पैसेंजर टैक्स देना बंद कर दिया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.