शादी तय हुई, सगाई हुई और फिर तीन टुकड़ों में मिली लाश, जानिए पायल हत्याकांड की पूरी कहानी Rampur news
पायल के परिजनों की ओर से अधिवक्ता हारून रशीद ने बताया कि हाईकोर्ट ने भी जहांगीर की जमानत खारिज कर दी है।
रामपुर, जेएनएन। साल भर पहले हुए पायल हत्याकांड ने शहर के लोगों को झकझोर कर रख दिया था। पायल गायब थी और पूरा शहर उसके परिवार के साथ खड़ा हो गया था। शुरुआत में अपहरण के मामले को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया, जिससे लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश पनपने लगा। लोग जब सड़कों पर उतर आए तब पुलिस एक्शन में आई थी। पुलिस ने आरोपितों को पकड़कर पूछताछ की तो उसकी तीन टुकड़ों में लाश मिली थी। उसका कातिल कोई और नहीं, उसका सबसे करीबी जहांगीर था। जैनब उर्फ पायल उसे दिल से चाहती थी। उससे शादी करना चाहती थी और उसी ने कत्ल कर दिया। जान लेने के बाद कुल्हाड़ी से उसकी लाश के तीन टुकड़े भी कर दिए। कुछ समय पहले तक दोनों ने साथ-जीने मरने की कसम खाई थी। शादी करने वाले थे। अचानक ऐसा क्या हुआ कि जहांगीर ने पायल की हत्या कर दी।
चार साल पहले हो गई थी दोनों की सगाई
दरअसल, पायल और जहांगीर की मां आपस में मौसेरी बहनें हैं। रिश्तेदारी की वजह से दोनों परिवारों ने पायल और जहांगीर की शादी तय कर दी थी। चार साल पहले दोनों की सगाई भी हो गई थी। बाद में जहांगीर ने सगाई तोड़ दी। वह दूसरी लड़की से रिश्ता करना चाहता था लेकिन, पायल उसके साथ ही शादी करना चाहती थी। वह इसके लिए दबाव बनाने लगी। जहांगीर और उसके परिवार ने मना कर दिया। बाद में जहांगीर के परिजनों ने उसका रिश्ता रामनगर उत्तराखंड की रहने वाली एक युवती से तय कर दिया था। इस रिश्ते की भनक लगने पर पायल भड़क गई थी। वह जहांगीर से ही शादी करने की जिद पर अड़ी रही। इस पर जहांगीर ने उसे रास्ते से हटा दिया था।
मुख्य आरोपित की जमानत हाईकोर्ट से भी खारिज
पायल हत्याकांड के मुख्य आरोपित जहांगीर को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने भी उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। पायल हत्याकांड का यह मामला गंज कोतवाली क्षेत्र का है। मुहल्ला दरख्त कैथ हमाम वाली गली निवासी शाहनवाज की बेटी जैनब उर्फ पायल पहली नवंबर 2018 की शाम को लापता हो गई थी। उसके भाई राहिल ने शहर कोतवाली के मुहल्ला कुंडा निवासी ताहिर खां के बेटे जहांगीर, उसके दोस्त इमरोज निवासी वेलकम होटल वाली गली और प्रभजीत सिंह उर्फ सागर निवासी मुहल्ला हाथीखाना पर बहन के अपहरण का आरोप लगाते हुए मुकदमा कराया था।
कैसे रची थी मारने की साजिश
पुलिस की पड़ताल से पता चला कि युवती का रिश्ता ताहिर खां के बेटे जहांगीर से तय हो गया था। बाद में उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया और दूसरी जगह शादी तय कर ली। युवती उससे ही शादी करना चाहती थी, जिस पर जहांगीर ने युवती को फार्म हाउस पर बुलाकर अपने नौकर निसार और दोनों दोस्तों की मदद से उसकी हत्या कर दी थी। उसने हत्या की बात अपने पिता और ताऊ के बेटे दानिश को बता दी थी। 27 नवंबर की रात को पुलिस ने ताहिर खां के कोसी नदी किनारे स्थित फार्म हाउस से पायल की लाश बरामद की थी। उसकी हत्या कर लाश को तीन टुकड़ों में काटकर जमीन में दबा रखा था। पुलिस ने निसार, ताहिर और दानिश को भी मुकदमे में नामजद कर लिया था। पुलिस ने सभी आरोपितों को जेल भेज दिया था। जहांगीर के अलावा सभी जमानत पर बाहर आ गए थे। जहांगीर की जमानत पहले सत्र न्यायालय से खारिज हुई। बाद में उसने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी।
जहांगीर के पिता पर पुलिस ने रखा था इनाम
इस मामले में पुलिस ने जहांगीर, उसके पिता ताहिर, उसके तहेरे भाई दानिश और निसार, इमरोज व सागर को गिरफ्तार किया था। हालांकि जहांगीर के पिता ताहिर पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहे थे, तब उनकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया और फिर उनके घर की कुर्की भी की गई। इसके बाद ही पुलिस की पकड़ में आ सके थे। जहांगीर अब भी जेल में है, जबकि ताहिर, दानिश, इमरोज व सागर जमानत पर छूट चुके हैं। पायल के परिजन तब से ही आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने की मांग को लेकर कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं।
बेटी को इंसाफ दिलाने को लड़ रहे परिवार वाले
शहर की हमाम वाली गली में रहने वाले पायल के पिता शाहनवाज, मां गजाला और बड़े भाई राहिल और छोटे भाई फलक मुकदमे की पैरवी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। फलक का कहना है कि मुकदमा दर्ज कराने के बाद से 50 से ज्यादा चक्कर कचहरी के लगा चुके हैं। अभी गवाही शुरु नहीं हो सकी है। अगली तारीख 11 दिसंबर लगी है। पायल के परिजन चाहते हैं कि आरोपितों को शीघ्र फांसी दी जाए। उनका कहना है कि हैदराबाद में दुष्कर्मियों को एनकाउंटर में मार गिराना पुलिस का सही कदम है। इससे दुष्कर्मियों को सबक मिलेगा और दूसरे लोग भी ऐसा घिनौना अपराध करने की सोच भी नहीं सकेंगे। हाईकोर्ट से भी जहांगीर की जमानत खारिज होने पर वे खुश हैं।
पैरवी में कोई कमी नहीं
पुलिस अधीक्षक डॉ. अजयपाल शर्मा का कहना है कि गंभीर अपराधों की पैरवी के लिए पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं। पायल हत्याकांड के बारे में जानकारी करेंगे। पुलिस की ओर से पैरवी में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। महिलाओं के साथ होने वाले गंभीर अपराधों की पैरवी के लिए अलग से मानीटरिंग सेल बनाया गया है।