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दांत में दर्द होने पर 150 किमी. दौड़ लगा रहे मुरादाबादवासी, दयनीय है जिले की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का हाल

Moradabads poor health services जिला अस्पताल में चालीस साल पहले दंत विभाग स्थापित किया गया था। जहां दांत से संबंधित सभी प्रकार का इलाज किया जाता था। दुर्घटना में घायल व्यक्ति के जबड़ा टूट जाने पर आपरेशन करने की सुविधा है।

By Jagran NewsEdited By: Vivek BajpaiPublished: Fri, 07 Oct 2022 04:56 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 04:56 PM (IST)
दांत में दर्द होने पर 150 किमी. दौड़ लगा रहे मुरादाबादवासी, दयनीय है जिले की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का हाल
Moradabad's poor health services: जिला अस्‍पताल में चिकित्‍सकों की कमी से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं बदहाल हैं। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Moradabad's poor health services:  मंडल स्तरीय जिला अस्पताल दंत चिकित्‍सक विहीन हो गया है। मामूली दांत दर्द के इलाज के लिए रोगियों को भटकना पड़ता है। जबड़ा का आपरेशन कराने के लिए 150 किमी. दूर मेरठ मेडिकल कालेज जाना होता है। इसके अलावा जिला अस्‍पताल में कई विभाग चिकित्‍सकों की कमी से जूझ रहे हैं।

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40 साल पहले जिला अस्‍पताल में बना था दंत चिकित्‍सा विभाग

जिला अस्पताल में चालीस साल पहले दंत चिकित्‍सा विभाग स्थापित किया गया था। जहां दांत से संबंधित सभी प्रकार का इलाज किया जाता था। दुर्घटना में घायल व्यक्ति के जबड़ा टूट जाने पर आपरेशन करने की सुविधा है। यहां एक  एक सहाय, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ दंत रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति थी। इलाज के लिए लगभग सभी उपकरण उपलब्ध हैं। शासन ने तीन माह पहले दंत रोग चिकित्सक समेत कई चिकित्सकों का तबादला कर दिया, लेकिन उसके स्थान पर कोई चिकित्सक तैनात नहीं किए हैं।

जबड़ा टूटने पर मरीज को किया जाता मेरठ रेफर

दंत रोग चिकित्सक होने पर प्रतिदिन औसत सौ से अधिक रोगी ओपीडी में इलाज कराने व औसत एक-दो रोगी प्रतिदिन जबड़ा का आपरेशन कराने आते थे। तीन माह से दंत रोग चिकित्सक नहीं होने से रोगी परेशान हैं। सहायक द्वारा दांत से पीड़ित कुछ रोगियों को दवा लिख दी जाती है लेकिन, दुर्घटना में घायल का जबड़ा टूटे होेने पर इलाज के लिए मेरठ मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता है।

फिजिशियन व ईएनटी विशेषज्ञ की भी कमी

इसी तरह से शासन ने रेडियोलाजिस्ट का तबादला कर दिया है, लेकिन उसके स्थान पर रेडियोलाजिस्ट तैनात नहीं किया है। अस्पताल प्रशासन ने तबादला किए गए रेडियोलाजिस्ट को कार्य मुक्त नहीं किया है, जिसके कारण अस्पताल में अल्ट्रा साउंड, सीटी स्कैन व एक्सरे किया जा रहा है। इसी तरह से फिजिशियन व नाक-कान रोग विशेषज्ञ 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए। सीएमओ ने एक चिकित्सक उधार लेकर और दो सेवानिवृत्त चिकित्सकों को तैनात कर उक्त विभाग को संचालित किया जा रहा है और रोगियों का इलाज कराया जा रहा है।

शासन से की जा चुकी चिकित्‍सकों की मांग

प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एनके गुप्ता ने बताया कि दंत चिकित्सक समेत अन्य विभागों में स्थायी रुप से चिकित्सक तैनात करने के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र भेज चुके हैं। निदेशालय से अधिकारियों के साथ जब भी बैठक होती है, चिकित्सक तैनात करने की मांग उठाते हैं।


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