अज्ञात बीमारी से नहीं थम रहा बंदरों के मरने का सिलसिला,पीएम को भेजा गया शव Sambhal News
महज एक सप्ताह के भीतर इतने बंदर की मौत से पूरा गांव सन्न हो गया है। लोगों ने आशंका जताई है ।
सम्भल,जेएनएन। थाना बहजोई क्षेत्र के एक गांव में फैल रही अज्ञात बीमारी के कारण दूसरे दिन भी दो बन्दरों की मौत हो गई। अभी भी कई दर्जन बंदर बीमार चल रहे हैं। दैनिक जागरण में खबर को प्रमुखता से छपने के बाद जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी विनोद कुमार ने पशु चिकित्सकों की टीम का गठन कर गांव में बन्दरों की जांच के लिए भेजा।
सम्भल तहसील क्षेत्र के पवांसा गांव में अचानक बंदरों की मौत होने लगी। बंदरों में अज्ञात बीमारी के चलते ग्रामीणों में खौफ व्याप्त है। पवांसा के भटपुरा मुहल्ले के बंदरों में अज्ञात बीमारी फैल जाने के कारण सोमवार तक 25 से 30 बंदरों की मौत हो चुकी है।ग्रामीणों द्वारा पवांसा पशु चिकित्सक नीरज गौतम को जानकारी दी गई और वन विभाग के कर्मचारियों को भी सूचित किया गया।मंगलवार को फिर से दो बंदरों की मौत हो गई।मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सम्भल विनोद कुमार द्वारा टीम का गठन कर पवांसा गांव के बंदरों में फैल रही बीमारी की जांच करने को भेजा गया। पवांसा पहुंची पशु चिकित्सकों की टीम ने बीमार चल रहे बंदर को पकड़कर थर्मल स्कैनिंग कर जांच की गई।जांच में बंदर का टेंम्प्रेचर नॉर्मल आया जिससे बंदरों में फैल रही बीमारी का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। वहीं टीम ने एक मृत बंदर के शव को आइस बॉक्स में रखकर भारतीय पशु अनुसंधान केंद्र बरेली पोस्टमार्टम के लिए भेजा। उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एलके गुप्ता ने बताया कि एक बंदर को पकड़कर थर्मल स्कैनिंग कर जांच की गई उसमें जांच में बीमारी और मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।एक मृत बंदर के शव को लेकर बरेली पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।दो दिन बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर बंदरों में फैल रही बीमारी और मौत का कारण का स्पष्ट पता चल पाएगा।टीम में पवांसा पशु चिकित्सा अधिकारी नीरज गौतम,बायभूड रजपुरा पशु चिकित्सा अधिकारी अरुण कुमार और वन विभाग की ओर से वन क्षेत्राधिकारी नजाकत हुसैन,डीसी पांडेय,ख्यालीराम,जसवीर,मलखान आदि मौजूद रहे।वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा बंदर को बरेली पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।