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पंचायत चुनाव : व‍िवादों पर नजर, पुराने दागियों पर शिकंजा कसेगा मुरादाबाद ज‍िला प्रशासन

Panchayat elections प्रमुख सचिव गृह ने निर्देश दिए हैं कि पहले से ही हर गांव की संवेदनशीलता आंकते हुए पूरी तैयारी करें। इसके लिए अराजकतत्वों के खिलाफ पहले से ही निरोधात्मक कार्रवाई करनी शुरू कर दें। 2010 और 2015 में पंचायत चुनाव के दौरान हुई घटनाओं का अध्ययन कर लें।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 04:42 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 04:42 PM (IST)
पंचायत चुनाव : व‍िवादों पर नजर, पुराने दागियों पर शिकंजा कसेगा मुरादाबाद ज‍िला प्रशासन
खुराफात करने वालों को चयन‍ित करके कार्र‌‌वाई कराएंगे।

मुरादाबाद, जेएनएन। पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह की ओर से फरवरी के अंत तक चुनाव होने की संभावना जताने के बाद शासन ने पंचायत चुनाव के लिए शासन ने तैयारी शुरू कर दी हैं। चुनाव का एलान होने से पहले ही गांव-गांव रंजिश होने लगी है। ऐसी रंजिशों को पहले से चिह्नित करने का काम शुरू गया है। पहले से ही हर गांव की संवेदनशीलता आंकते हुए पूरी तैयारी करें।

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जिन गांव में पिछले चुनाव के दौरान विवाद हुआ है, वहां विवाद करने वालों को पहचान करके कार्र‌वाई होगी। पंचायत चुनाव कानून व्यवस्था की दृष्टि से कठिन होते हैं। चुनाव के पहले और बाद तक रंजिशों का दौर चलता है। लिहाजा ऐसी रंजिशों को पहले से चिह्नित करने को कहा गया है। छोटे से छोटे विवाद को गंभीरता से लेकर उनका समाधान कराएं। किसी भी स्तर पर विवाद लंबित नहीं रहना चाहिए। एसपी देहात विद्या सागर मिश्र ने बताया कि हमने पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले चुनाव में खुराफात करने वालों को चयन‍ित करके कार्र‌‌वाई कराएंगे।

थानों के रजिस्टर में दर्ज होगा हर विवाद

प्रमुख सचिव गृह ने चुनाव की तैयारियों और चुनौतियों को लेकर पहले ही विस्तृत निर्देश पुलिस कप्तानों को भेज दिए हैं। सभी थानों पर बीटवार ग्राम, मुहल्ले के हिसाब से चुनाव और भूमि विवाद रजिस्टर बनाने को कहा है। रजिस्टर में तमाम जानकारियों के साथ गांवों के ऐसे विवाद जिसे लेकर चुनाव में मुद्दा बन सकता है, इसका भी विवरण दर्ज करने के लिए कहा गया है। पंचायत चुनाव में संभावित प्रत्याशियों का नाम, पता और उनका पूर्व आपराधिक इतिहास का विवरण भी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। गांव स्तर पर जो भी विवाद हों उनका निपटारा कराने के निर्देश दिए हैं। जिन मामलों में आपसी समझौता नहीं हो पा रहा है उन मामलों में निरोधात्मक कार्रवाई करें और जमीन से संबंधित विवादों में राजस्व विभाग से मिलकर मामलों का निपटारा कराने को कहा गया है।


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