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Panchayat Election 2021 : लाखों खर्च करने के बाद आरक्षण ने ब‍िगाड़ा खेल, कई चेहरे मायूस, आज से ली जा रहीं आपत्तियां

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर ग्राम पंचायतों क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों की आरक्षण की सूची जारी होते ही गांव-गांव सियासी पारा गरम है। ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए तमाम लोगों ने अनाप-शनाप पैसा खर्च करना शुरू कर दिया था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 01:06 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 01:06 PM (IST)
Panchayat Election 2021 : लाखों खर्च करने के बाद आरक्षण ने ब‍िगाड़ा खेल, कई चेहरे मायूस, आज से ली जा रहीं आपत्तियां
आरक्षण ने चुनाव की तैयारी में जुटे तमाम लोगों के अरमानों पर पानी फेरा।

मुरादाबाद, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों की आरक्षण की सूची जारी होते ही गांव-गांव सियासी पारा गरम है। ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए तमाम लोगों ने अनाप-शनाप पैसा खर्च करना शुरू कर दिया था। लेकिन, उनकी ग्राम पंचायतें अब आरक्षित हो गईं।

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कुंदरकी के कई चर्चित गांवों में तो प्रधानी को लेकर पीढ़ी दर पीढ़ी खून खराबा होता रहा। आए दिन बंदूकें और तमंचे निकल आते थे। लेकिन, इस बार ग्राम पंचायतों के अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से प्रधानी के सपने ही धरे रह गए। ऐसे गांव में प्रत्याशी तलाशे जाते रहे हैं। कई नेताओं ने तो अपने यहां काम करने वालों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी करनी शुरू कर दी है। ठाकुरद्वारा की शरीफनगर बड़ी ग्राम पंचायत है। यह आरक्षित थी, लेकिन, इस बार अनारक्षित हो गई। इसलिए सभी धर्म जाति के लोग चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में लगे हैं। सुरजननगर. सरकड़ा करीमपुर, गोपीवाला, फरीदनगर, नन्नूवाला गांव भी ठाकुरद्वारा के चर्चित गांव हैं। यहां सामान्य जाति के लोग चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। लेकिन, अरमान अधूरे रह गए। भगतपुर की ग्राम पंचायत पीपलसाना के लिए जिले में सबसे अधिक बजट मिलता है। यहां से चुनाव लड़ने के लिए फिर से लंबी फेहरिस्त अभी से है। इसी ब्लॉक के गणेशनपुर गांव से पूर्व प्रधान चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर दिए थे। लेकिन, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई। कुंदरकी विकास खंड के ताहरपुर अव्वल गांव की प्रधानी पर वर्षों से एक ही परिवार काबिज है। इस बार गांव अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गया। गांव रसूलपुर हमीर गांव में प्रधानी के विवाद को लेकर आए दिन विवाद होते रहते हैं। यहां पिछले महीने गोली चल गई थी। हिसामपुर तो सबसे चर्चित गांव रहा है। यह गांव पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित हो गया। यहां पंचायत चुनाव को लेकर होने वाले झगड़ों में कई युवाओं का कैरियर तक दांव पर लग चुका है। वरैटा खिजरपुर. लालवारा, भीकनपुर, असदपुर, सीकरी मिलक, रूपपुर, जैतवाड़ा गांव के हालत भी इसी तरह के हैं। नानकार और रतनपुर कलां गांव में भी कई लोगों के अरमान टूट गए हैं। यह सभी ग्राम पंचायतें आरक्षित होने से चुनाव की तैयारी में लगे लोगों के चेहरों पर मायूसी है। इसके अलावा हर ब्लॉक में इसी तरह की ग्राम पंचायतें हैं, जिनसे चुनाव लड़ने के लिए लोगों की लंबी फेहरिस्त थी। लेकिन, आरक्षण के बाद इन गांव के लोगों को मायूसी हाथ लगी है।

आज से ली जाएंगी आपत्तियां

जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया गुरुवार से ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों की आपत्तियां लेने का काम शुरू कर द‍िया गया है। सुबह 10 बजे पांच बजे पंचायत विभाग के विकास भवन स्थित कार्यालय में आपत्तियां लेने के लिए वरिष्ठ सहायक मेहंदी हसन अंसारी के अलावा अमित कुमार, राजू और ग्रीश कुमार लिपिक को लगाया गया है। ब्लॉकों और डीएम कार्यालय में भी आपत्तियां दी जा सकती हैं। जिला पंचायत के वार्डों को लेकर आपत्तियां जिला पंचायत कार्यलय में ली जाएंगी। नौ मार्च को आपत्तियाें को पंचायत विभाग के कार्यालय में इकट्ठा किया जाना है। 10, 12 मार्च को डीएम की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी आपत्तियों का निस्तारण करेगी। 13, 14 को आरक्षण चार्टों का अंतिम प्रकाशन होगा। 15 मार्च को आरक्षण का पूरा डाटा यहां से निदेशालय को भेज दिया जाएगा। 


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