गोशालाओं में मलमूत्र से तैयार की जा रही जैविक खाद, आप भी जानिए क्या हैं फायदे
Organic manure जैविक खाद की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि गोशालाओं के अलावा किसान भी जैविक खाद बनाने की विधि अपना रहे हैं।
अमरोहा। जनपद की गोशालाओं में जानवरों के मल मूत्र को भी वैज्ञानिक तरीके से उपयोग में लाया जा रहा है। जी हां, उनके मल मूत्र से जैविक खाद तैयार कराई जा रही है। जनपद की दस गोशालाओं में इस पर काम हो रहा है जबकि अन्य में कार्य शुरू कराने के निर्देश जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने पशु पालन विभाग के अफसरों को दिए हैं। जिस पर अमल करते हुए सीवीओ अन्य गोशालाओं में भी जगह तलाश कर शीघ्र ही जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया चालू कराने का दावा कर रहे हैं।
जनपद में छोटी-बड़ी सभी मिलाकर 16 गोशालाएं हैं। इसमें कुछ निकाय क्षेत्रों में हैं तो कुछ ग्रामीण। गोशाला ब्रह्माबाद में कुछ दिन पहले डीएम ने निरीक्षण किया था। जिसमें उन्होंने गोशाला की स्थिति देखी थी। अधीनस्थों को जैविक खाद बनाने के निर्देश दिए थे। सांथलपुर गांव स्थित गोशाला के संचालक निहाल सिंह बताते हैं कि जैविक खाद बनाने के लिए मनरेगा योजना के तहत गड्ढे खुदवाए गए हैं। अब गोबर व पेशाब को उसमें डालने की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही खाद बनाने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। इसके अलावा नौ गोशालाओं में इस पर लगातार काम हो रहा है। किसानों को खाद तैयार कर बेची जा रही है।
गोशालाओं में गोबर व पेशाब खराब न हो, इसके लिए जैविक खाद बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सीवीओ ने कई जगह अच्छे प्रयास कर जैविक खाद तैयार कराई है। जिसका मैंने निरीक्षण किया है। अन्य गोशाला संचालकों को भी इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।
उमेश मिश्र, जिलाधिकारी
लगातार बढ़ रहा चलन
जैविक खादों की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है। जागरूक किसान अब रासायनिक खादों से किनारा करने लगे हैं। वहीं लोग भी जैविक खाद के इस्तेमाल तैयार किए गए गेहूं, चावल आदि को प्राथमिकता दे रहे हैं। चिकित्सक भी इसे स्वास्थय के लिए उपयोगी मान रहे हैं।