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यहां ट्रेन के डिब्बों में लगती है पाठशाला

भगतपुर कहते हैं कुछ करने की मन में ठान लो तो कोई भी रुकावट आपको मंजिल तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 02:22 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 02:22 AM (IST)
यहां ट्रेन के डिब्बों में लगती है पाठशाला
यहां ट्रेन के डिब्बों में लगती है पाठशाला

भगतपुर : कहते हैं कुछ करने की मन में ठान लो तो कोई भी रुकावट आपको मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। इसे सच कर दिखाया है विकास खंड भगतपुर टांडा क्षेत्र के ग्राम पंचायत डूंगरपुर के गांव डांडी दुर्जन के प्राथमिक विद्यालय डांडी दुर्जन के इंचार्ज प्रधानाध्यापक सुभावन वर्मा ने। वह लगातार बेहतरीन कार्य करके चर्चा में बने रहते हैं। चाहे पुराने कबाड़ के आइटमों से बच्चों को पंखे, लैंप आदि बनाने का कार्य हो या प्रोजेक्टर से पढ़ाई कराने या कार्टून पात्रों के जरिए बच्चों को शैक्षिक ज्ञान कराने का कार्य। अब विद्यालय को ट्रेन के रूप में रंगवाकर अनूठा प्रयोग किया है। चर्चा में बने हुए हैं। लोग इस स्कूल को देखने के लिए दूर-दूर से पहुंच भी रहे हैं।

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मूल रूप से बस्ती जिले के रहने वाले सुभावन वर्मा की तैनाती तीन वर्ष पूर्व विकास खंड भगतपुर टांडा क्षेत्र के ग्राम डांडी दुर्जन में स्थित प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। सबसे पहले सुभावन वर्मा ने विद्यालय की नामांकन संख्या पर ध्यान दिया, उन्होंने घर घर जाकर ग्रामीणों से संपर्क किया। उन्होंने नामांकन संख्या दोगुनी की। इसके बाद उन्होंने विद्यालय में साबुन बैंक, स्कूल बैंक का गठन किया। उन्होंने प्रोजेक्टर से पढ़ाई कराकर क्लासों को स्मार्ट क्लास बनाया। नवाचार से बनाई अलग पहचान

उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर पुराने मोबाइल फोन की बैटरियों व बेकार लाइटों एवं पानी की मोटर से पंखे, लैंप आदि बनाकर भी काफी वाहवाही हासिल की। इसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद होने पर उन्होंने विद्यालय की वेबसाइट बनाई एवं अपना यूट्यूब चैनल बनाकर उस पर कार्टून पात्रों के जरिए बच्चों तक शिक्षण सामग्री को पहुंचाया। बाद में मेरा घर, मेरा स्कूल अभियान चलाकर बच्चों को घर-घर जाकर शिक्षा दी। क्या कहते हैं सुभावन

सुभावन वर्मा का कहना है कि उनके इन कार्यों में सहायक अध्यापक राधेश्याम, फहीम अहमद, राजिका एवं ग्रामीणों में ऋषिपाल सिंह एवं ग्राम प्रधान पति नाजिर सैफी, राम कुंवर, सोनू, देशपाल,शिशुपाल, एसएमसी अध्यक्ष रमेश सिंह, विमल एवं समर कश्यप और रामौतार सागर आदि का मुख्य सहयोग रहा। प्राथमिक विद्यालय के पूरे स्टाफ को मंडल स्तर पर विगत दो वर्षों से उत्कृष्ट पुरस्कार से भी नवाजा जा रहा है।


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