एकबार फिर बिछड़े का सहारा बना सोशलमीडिया, मासूम बच्ची को परिवार से मिलवाया Amroha news
कस्बा प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया कि वाट्सएप के माध्यम से परिजनों को बच्ची के थाने में होने की जानकारी मिली थी।
अमरोहा, जेएनएन। आज के दौर में हर इंसान के जीवन को सोशलमीडिया प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है। कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जिनसे सोशलमीडिया पर लगाम कसने की आवाज उठने लगती है लेकिन, कई बार सोशलमीडिया किसी देवदूत का काम करता है। वह बिछड़ों को अपनों से मिलाने के बारे में काम करता है। ऐसा ही कुछ हुआ बुधवार को अमरोहा जनपद के गजरौला ब्लाक में।
मां के साथ बाजार गई थी मासूम
गजरौला में साप्ताहिक सब्जी बाजार में मां से बिछड़ी तीन वर्षीय एक मासूम बालिका वाट्सएप के माध्यम से परिजनों को मिल गई। बच्ची को देख परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए।
कस्बा इंचार्ज को रोती मिली बच्ची
मुहल्ला टीचर्स कॉलोनी निवासी देवी प्रसाद की तीन वर्षीय पुत्री शगुन अपनी मां के साथ बुधवार को साप्ताहिक सब्जी बाजार में गई थी। खादगुर्जर चौराहे के पास वह अपनी मां से बिछड़ गई। इसके बाद मासूम बालिका सड़क पर खड़े होकर रोने लगी। कस्बा इंचार्ज रजनीश कुमार ने बच्चे को रोते देख उसका नाम व पता पूछा तो उसने कुछ नहीं बताया। बाद में उसे महिला कांस्टेबल विमलेश थाने में ले आई।
वाट्सएप बना सहारा
बच्ची करीब 2 घंटे तक थाने में ही बैठी रही। इधर, पुलिस ने मासूम के फोटो वाट्सएप ग्रुप में वायरल कर दिया। शाम चार बजे बालिका के परिजनों ने वाट्सएप पर उसका फोटो देखकर प्रभारी निरीक्षक जयवीर सिंह से संपर्क साधा और थाने पहुंचकर मासूम को अपने साथ ले गए। बच्ची मिलने पर परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए। कस्बा प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया कि बालिका के परिजन थाने से उसे अपने साथ ले गए हैं।