Move to Jagran APP

नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने उपवास रखकर किया मां चंद्रघंटा का पूजन

शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने उपवास रखकर घरों में मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की। कोरोना के चलते शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए भक्तों ने मंदिर में जाकर माता के दर्शन किए। दोपहर में महिलाओं ने अपने-अपने घरों में छंद गाकर माता का गुणगान किया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 05:55 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:55 PM (IST)
नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने उपवास रखकर किया मां चंद्रघंटा का पूजन
नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने उपवास रखकर किया मां चंद्रघंटा का पूजन

रामपुर, जेएनएन। शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने उपवास रखकर घरों में मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की। कोरोना के चलते शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए भक्तों ने मंदिर में जाकर माता के दर्शन किए। दोपहर में महिलाओं ने अपने-अपने घरों में छंद गाकर माता का गुणगान किया। इस दौरान सभी ने माता के जमकर जयकारे लगाए। 

loksabha election banner

मिस्टन गंज अग्रवाल धर्मशाला में दुर्गा देवी ज्वाला जी शक्ति दरबार के महंत पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्रा ने नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का विधि-विधान के साथ पूजन किया। उन्होंने माता चंद्रघंटा के बारे में बताया कि इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अद्र्ध चंद्रमा सुशोभित है, जिसके कारण इन्हें चंद्रघंटा नाम से भी पुकारा जाता है। इनकी दस भुजाएं हैं, जिनमें अस्त्र-शस्त्र हैं। इनकी सवारी ङ्क्षसह है। इनके घंटे की ध्वनि को सुनकर दैत्य और राक्षस आदि डर कर भाग जाते हैं। इनकी पूजा-अर्चना करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। नवरात्र के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है।

उधर शक्तिपुरम कालोनी स्थित श्री त्रिपुरेश्वरी शक्ति पीठ में आचार्य राधे श्याम वासंतेय ने नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का पूजन किया। शक्ति पूजन के बाद यज्ञ हुआ, जिसमें जन कल्याण की भावना के साथ आहुतियां दी गईं। भक्तों ने मंदिर में श्री मां ललिता त्रिपुरसुंदरी के दर्शन किए। इस दौरान सभी ने जमकर जयकारे लगाए, जिससे आसपास का वातावरण भक्तिमय हो गया। कोरोना काल के चलते मंदिर में इस बार दोपहर में छंदों का कार्यक्रम स्थगित रहा। भक्तों ने शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की।

उधर पुराना गंज स्थित माई का थान मंदिर में यज्ञ और सप्तशती का पाठ हुआ। कोरोना के चलते भक्तों ने शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए माता के दर्शन किए।

इसके अलावा रामनाथ कालोनी स्थित माता का मंदिर, पुराना गंज स्थित हरिहर मंदिर, सिविल लाइंस स्थित हरि मंदिर, दुर्गा मंदिर, जिला पंचायत रोड स्थित शिव मंदिर, मुहल्ला छिपियान स्थित दुर्गा मंदिर, कृष्णा विहार स्थित कृष्णा मंदिर, ज्वालानगर में वैद्य जी की धर्मशाला स्थित श्याम मंदिर, आवास-विकास कालोनी स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, नाग मंदिर, गर्वमेंट प्रेस के सामने शिव मंदिर आदि में माता का विधि-विधान से पूजन किया गया। इसके अलावा घरों में भी नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों ने उपवास रखकर माता विधि-विधान के साथ पूजन किया। दोपहर और शाम को महिलाओं ने भजन-कीर्तन किया।

माता के भजनों पर झूमे भक्त

शारदीय नवरात्र के अवसर पर नगर के प्राचीन शिव मंदिर में रविवार की रात संकीर्तन हुआ। इसमें माता के भजनों पर भक्त जमकर झूमे। श्री ब्राह्मण सभा, श्री परशुराम युवा मंच और महिला ब्राह्मण सभा की ओर से प्राचीन शिव मंदिर में संर्कीतन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सर्वप्रथम दुर्गा प्रतिमा का श्रृंगार कर विधि-विधान के साथ पूजन किया गया। भजन गायकों द्वारा दुर्गा चालीसा का पाठ किया गया। इसके बाद माता के सुंदर-सुंदर भजन सुनाए गए, जिन पर भक्त जमकर झूमे। इस दौरान सभी ने माता के जमकर जयकारे लगाए, जिससे आसपास का वातावरण भक्तिमय हो गया। अंत में आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर डॉ. मुनीश शुक्ला, वैद्य मनोहर लाल शर्मा, महिला मंच की अध्यक्ष गीता शर्मा, डॉ.विकास शुक्ला, राम मोहन लाल शर्मा, ममता अत्री, राम कुमार शर्मा, अनुराग शर्मा, मुकेश कौशिक, गौरव शर्मा, अपार पांडे, उषा शर्मा, गीता शर्मा, विशाल शर्मा आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.