हाईकोर्ट के आदेश पर महिला दारोगा शबनम खान नौकरी पर बहाल, जानिए क्या है पूरा मामला Mordabad News
एसएसपी अमित पाठक ने हाईकोर्ट के आदेश पर महिला दारोगा शबनम की पुलिस लाइंस में आमद करा दी है। सोमवार को महिला दारोगा ने कलेक्ट्रेट परिसर में ड्यूटी भी की।
मुरादाबाद, जेएनएन। हाईकोर्ट के आदेश महिला दारोगा शबनम खान नौकरी पर बहाल हो गई हैं। उनकी पुलिस लाइन में आमद हो गई।
यह है पूरा मामला
बरेली के थाना कैंट में तैनात दारोगा अरविंद प्रताप सिंह का खून से लथपथ शव 12 मार्च 2000 को महिला दारोगा शबनम के सिविल लाइंस स्थित आवास के बेडरूम में मिला था। दरवाजे पर बुलेट खड़ी मिली थी। पुलिस दोनों की सरकारी रिवाल्वर कारतूस समेत कमरे में बरामद की। महिला दारोगा शबनम अपने आवास से फरार थी।
दारोगा के भाई ने दी थी तहरीर
दारोगा के भाई सुरेंद्र प्रताप ने बरेली कोतवाली में तहरीर देकर दारोगा शबनम और उसके दो साथियों के खिलाफ मुकदमा लिखाया था। आरोप था कि उसके दारोगा भाई को घर से बुलाकर ले जाकर हत्या की गई थी। पुलिस ने दारोगा शबनम और दो अज्ञात आरोपितों के खिलाफ अपहरण, हत्या और दलित उत्पीडऩ में एफआइआर दर्ज की थी। दारोगा अरविंद प्रताप सिंह हत्याकांड में 18 साल बाद विशेष अदालत ने दारोगा शबनम खान को हत्या की बजाए गैरइरादतन हत्या में दोषी माना है। अदालत ने दारोगा को सश्रम सात साल की कैद की सजा सुनाई। अदालत ने दारोगा पर 40 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा का भी आदेश दिया है। विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में दारोगा शबनम को अपहरण और दलित उत्पीडऩ के आरोप से बरी कर दिया। शबनम की अपील हाईकोर्ट में लंबित है। इस दौरान यहां उनके खिलाफ कांठ में तैनाती के दौरान आला अधिकारियों ने बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी थी। दारोगा इसके खिलाफ हाईकोर्ट चली गईं। उनका कहना था कि बिना निलंबन के लिए उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस पर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जवाब मांग लिया।