अब बिना दरवाजा बंद हुए नहीं चलेंगीं ट्रेनें, जानिए क्या है रेलवे की योजना Moradabad News
दरवाजे पर ऊपर पट्टी पर स्टेशन का नाम लिखा आएगा। प्रथम चरण में तीन सौ कोच का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यालय स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। रेलवे वंदेभारत और मेट्रो ट्रेन की तर्ज पर ट्रेनों के कोच बनाने जा रहा है। पहले चरण में राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस में स्वचालित डोर क्लोजर मैकेनिज्म की व्यवस्था की जाएगी। तीन सौ कोच में यह सुविधा दी जानी है। प्रत्येक कोच के लिए 20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
हर साल काफी यात्री हो जाते हैं हादसे के शिकार
देश भर में प्रत्येक वर्ष ट्रेनों के दरवाजे पर सफर करने वाले 16 हजार से अधिक यात्री गिर जाते हैैं। इनमें से 12 हजार यात्रियों की मौत हो जाती है और चार हजार यात्री घायल होकर दिव्यांग हो जाते हैैं। मुरादाबाद रेल मंडल में दरवाजा पर बैठकर सफर करने के कारण प्रत्येक साल चार सौ से अधिक यात्रियों की मौत हो जाती है। इसके अलावा यात्रियों से सामान छीन ट्रेन से कूद कर भागने की प्रत्येक साल एक हजार से अधिक होती है।
सभी ट्रेनों में स्वचालित दरवाजा लगाने की योजना
रेलवे प्रशासन ने इसको लेकर मेट्रो की तर्ज पर ट्रेनों को दरवाजा बंद कर चलाने की योजना बनाई है। पहली टे्रन वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई गई है। इसकी सफलता के बाद रेलवे अब सभी ट्रेनों में स्वचालित दरवाजा लगाने की योजना बना रहा है।
राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस में ऐसे दरवाजे
इसके लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जारी पिंक बुक (बजट पुस्तिका) रेलवे ने प्रावधान किया है। पायलट प्रोजेक्ट की तहत तीन सौ कोच में स्वचालित दरवाजा लगाए जाएंगे। यानी सभी दरवाजा बंद होने के बाद ही ट्रेन चलेगी। एक भी दरवाजा खुला होने पर ट्रेन नहीं चलेगी। टे्रन रुकने के बाद ही दरवाजा खुलेगा। ऐसे प्रत्येक कोच में दरवाजा लगाने के लिए 20 लाख रुपये खर्च होंगे। प्रथम चरण में राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस में ऐसे दरवाजे लगेंगे। इन ट्रेनों के दरवाजा से ऊपर इलेक्ट्रिक पट्टी लगेगी, जिसमें आने वाले स्टेशनों पर डिस्प्ले होता रहेगा। ट्रेन रुकने के पहले बीप की सुनाई देगी और चलने से पहले दरवाजा बंद होने लिए अलार्म बजेगा। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा ने बताया कि बजट में कुछ ट्रेनों के मैनुअल दरवाजा के स्थान पर स्वचालित दरवाजा लगाने का बजट दिया है।