अब एंटी थेफ्ट डिवाइस जैल आसानी से पकड़ेगा चोर Moradabad News
विशेषज्ञोंं का दावा है कि इस तरह की डिटेक्टिव डिवाइस भारत में पहली बार बनी है। विदेश में इस तरह की अब तक 12 डिटेक्टिव डिवाइस बनाई जा चुकी हैं।
अनुज मिश्र, मुरादाबाद: एंटी थेफ्ट डिवाइस जैल लगाने के बाद चोरों की पकड़ आसान होगी। दरवाजे, दुकान या जरूरत के स्थान पर इसे लगाएंगे। चोर ताले से छेड़छाड़ करता है तो यह डिवाइस संबंधित व्यक्ति पर जैल स्प्रे करेगा। इससे एक बार कोड जेनरेट होगा। ऐसे में जिस व्यक्ति पर हमें शक होगा। उसे यूवी रेंज में लाकर बार कोड मैच करके आसानी से पकड़ा जा सकेगा। टीम ने कामयाबी का पहला चरण पार कर लिया है। केंद्र सरकार की ओर से पेटेंट एक्ट ने उनकी इस खोज को एक मार्च, 2019 को मान्यता प्रदान करते हुए इसे प्रकाशित कर दिया है।
यह है खासियत
खास बात यह है कि जहां कहीं भी चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया, यदि वहां जैल का उपयोग किया गया, तो जैल चोरों के शरीर में चला जाएगा। डिवाइस में एक बारकोड जेनेरेट हो जाएगा, जिसके चलते यह एक पुख्ता सुबूत के रूप में काम आएगा। खास बात यह है कि शरीर में इसका असर करीब 20 से 34 माह तक रहता है। विशेषज्ञोंं का दावा है कि इस तरह की डिटेक्टिव डिवाइस भारत में पहली बार बनी है। विदेश में इस तरह की अब तक 12 डिटेक्टिव डिवाइस बनाई जा चुकी हैं।
डॉ. एम नागभूषण राव टीम का कर रहे नेतृत्व
आंध्र प्रदेश के रामचंद्र इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज के डॉ. एम नागभूषण राव इस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। इसको विकसित करने वालों में तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ पैरा-मेडिकल साइंसेस के उप-प्राचार्य डॉ. नवनीत समेत 19 विशेषज्ञ इस अहिंसात्मक तरीके की खोज करने वालों में शामिल हैं। विशेषज्ञों की टीम ने इसको 'स्प्रे इंटेलिजेंट थीफ आइडेंटिफायर थू्र यूवी जैलÓ नाम दिया है। इससे चोरों की त्रुटि रहित और सटीक पहचान हो सकेगी। विशेषज्ञों के साथ तुर्की के नेवेशिर एचबीयू यूनिवर्सिटी से डॉ. सेरदर वुरल भी दल का हिस्सा हैं।
वर्ष 2016 से डिवाइस को विकसित करने का चल रहा काम
वर्ष 2016 से इस डिवाइस को विकसित करने का कार्य चल रहा है। केंद्र सरकार ने पेटेंट एक्ट 1970 और पेटेंट एक्ट 2003 के अंतर्गत इस कार्य को मान्यता देते हुए इनके काम को प्रकाशित किया है।
टीम में शामिल सदस्य
डिवाइस विकसित करने वाली टीम में डॉ. नवनीत कुमार, बीएचयू से प्रेम शंकर गुप्ता, प्रो. एमवी संगमेश्वर राव, प्रो. वी. सूर्यनाराय़ण, असिस्टेंट प्रो. सीएच हेमानंद, डॉ. रथनम्मन, सी. मोहम्मद असलम, एम परब्रम्ह राव, प्रो. हेमंत चवन, सुभाष गुलाबराव राठौड़, प्रो. वेलेरियन लोबो, डॉ. राम गोपाल, प्रियंका मनोज तम्बत, प्रो. डॉ. संदीप कुमार गुप्ता, डॉ यशपाल सिंह, प्रो. बिपलब कुमार सरकार का नाम शामिल है।