अब किसानाें काे आधार कार्ड पर मिलेगी खाद, दुकानाें के बाहर लिखे हाेंगे अफसराें के नंबर, जानिए वजह
काेरोना में उवर्रक (खाद) की कालाबाजारी रोकने के लिए विक्रेताओं पर शिकंजा कसा जा रहा है। बिना पीओएस मशीन के खाद की बिक्री नहीं होगी। सभी खाद विक्रेताओं को स्टाक पंजिका रखनी है। हर दुकान पर जिला कृषि अधिकारी और उप निदेशक कृषि का मोबाइल नंबर अंकित होगा।
मुरादाबाद, जेएनएन। काेरोना में उवर्रक (खाद) की कालाबाजारी रोकने के लिए विक्रेताओं पर शिकंजा कसा जा रहा है। बिना पीओएस मशीन के खाद की बिक्री नहीं होगी। सभी खाद विक्रेताओं को स्टाक पंजिका रखनी है। हर दुकान पर जिला कृषि अधिकारी और उप निदेशक कृषि का मोबाइल नंबर अंकित होगा ताकि किसी भी किसान को परेशानी हो तो वह काल करके जानकारी दे सकता है। कृषकों को पहचान पत्र के आधार खाद मिलेगा।
पहचान के लिए आधार कार्ड, राशनकार्ड, जोतबही आदि सभी प्रपत्र दिखाए जा सकते हैं। हर किसान को खाद देने के बाद उसके लिए जाने वाले केश की रसीद भी देनी होगी। उवर्रक बिक्री केंद्र पर विक्रय रजिस्टर में किसान का नाम, उसके पिता का नाम और गांव का नाम भी लिखना है। किसी भी किसान को एक खाद खरीदने पर दूसरा खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। एमएफएमएस पोर्टल पर उवर्रकों की बिक्री के लिए एक्नालेजमेंट की व्यवस्था के अंतर्गत विक्रेताओं को रियल टाइम फीड करना होगा।
इससे खाद विक्रेता के जरिए पोर्टल पर वास्तविक क्रेता का नाम दर्ज हो जाएगा। कोई भी दुकानदार किसान से निर्धारित दर से ज्यादा कीमत नहीं लेगा। ऐसी शिकायत मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जिला कृषि अधिकारी रितुषा तिवारी ने बताया कि व्यवसायी अपनी दुकान पर जिला कृषि अधिकारी का मोबाइल नंबर 8077825408 और उप निदेशक कृषि 7355437878 अंकित करा लें। कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी दुकानों पर शारीरिक दूरी का पालन कराएं। सैनिटाइजर और साबुन की व्यवस्था भी रखनी होगी। बार-बार एक ही व्यक्ति को काल्पनिक नामों से खाद की बिक्री न की जाए। ऐसा करने वालों को खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।