अब परिवार में केवल एक ही सदस्य को मिलेगी पीएम सम्मान निधि, प्रमुख सचिव ने मांगी रिपोर्ट
Prime Minister Kisan Samman Nidhi मुरादाबाद जनपद में अभी तक तीन अपात्रों ने कृषि विभाग के दफ्तर में जाकर आवेदन दिया है कि उनको दिया गया पैसा वापस ले लिया जाए।
मुरादाबाद, जेएनएन। Prime Minister Kisan Samman Nidhi। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के फर्जीवाड़े को लेकर शासन तक हड़कंप मच गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने पूरे मामले की रिपोर्ट स्थानीय अफसरों से मांगी है। वहीं, कृषि उपनिदेशक छोटेलाल यादव से जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के साथ ही सीडीओ मृदुल चौधरी ने भी जवाब-तलब किया है। जबकि, विभागीय अफसर अब दावा कर रहे हैं, कि 14 हजार ऐसे किसानों ने आवेदन किए थे, जो पात्र नहीं थे, उनके आवेदनों को पहले निरस्त कर दिए गए थे। ऐसे में इनके खातों में कोई धनराशि नहीं भेजी गई। वहीं, पहली किस्त जाने के बाद एक लाख आठ हजार 912 किसानों के खाते में शेष पांच किस्त क्यों नहीं पहुंची इस बात का अफसर संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं।
विभागीय अफसरों ने यह भी स्पष्ट किया है कि परिवार में केवल एक ही व्यक्ति पात्र होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत सालाना छह हजार रुपये लघु एवं सीमांत किसानों के खातों में भेजी जानी थी। अफसरों ने जल्दबाजी में किसान पारदर्शी योजना के शामिल लाभार्थी किसानों की सूची इस योजना में सूचीबद्ध करके भेज दी थी। जब अपात्र किसानों को इसका लाभ लेने की शिकायतें विभागीय अफसरों के साथ ही शासन तक पहुंचीं, इसके बाद इस योजना का पैसा वापस करने के लिए केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किए।
परिवार में एक व्यक्ति ही होगा पात्र
किसान सम्मान निधि लेने के लिए पात्रता केंद्र सरकार के द्वारा निर्धारित की गई है। जिसमें किसान परिवार का एक व्यक्ति को ही इसका लाभ मिल सकता है। किसान के साथ ही उसकी पत्नी या बेटे का इसका लाभ नहीं मिल सकता है। इसके साथ ही अगर किसी को दस हजार रुपये तक पेंशन मिलती है, तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता है। जिले में अब ऐसे लोग स्वयं सामने आ रहे हैं ,जिनके द्वारा स्वयं के साथ ही परिवार में पत्नी और बेटे को भी लाभ दिलवाया है। शिकायतें मिलने के बाद अधिकारियों ने जांच करा रहे हैं। इन लोगों से अफसरों ने अपील की है कि वह स्वयं सामने आकर सरकार के द्वारा दिया गया लाभ वापस करने का काम करें। अन्यथा उनसे प्रशासनिक स्तर पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
किसान सम्मान निधि का कितने अपात्रों को लाभ मिला, अभी तक इसकी स्पष्ट सूचना नहीं है। 14 हजार किसानों के नाम सूची से इसलिए काटे गए थे, उनके नाम, पता और आधार कार्ड गलत मिले थे। इनके खाते में धनराशि नहीं भेजी गई है। पहली किस्त भेजे जाने के बाद आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य हो गया था। जिनके आधार कार्ड लिंक नहीं हुए उनको भी पैसा नहीं भेजा गया। जो भी अपात्र हैं, उनसे अपील की गई है कि वह स्वयं सामने आकर भारत सरकार की वेबसाइट भारतकोष के माध्यम से पैसा वापस कर सकते हैं।
छोटेलाल यादव, उपनिदेशक कृषि, मुरादाबाद
सरकार ने जो बैंक विलय का निर्णय लिया था, इसी कारण से किसानों के खातों में धनराशि नहीं पहुंची है। अगर किसी किसान के खाते में गलती से पैसा पहुंच गया है, तो वह वापस कर देगा। अफसरों ने चुनाव के समय जल्दबाजी में सूची बनाने का काम किया था, इसी कारण से ऐसी गलती हुई है। अभी भी बहुत से ऐसे पात्र किसान हैं, जिन्हें पैसा नहीं मिला।
महेन्द्र सिंह रंधावा, अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन