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अब सांसद और विधायक नहीं करते हैं रोडवेज की बस से सफर

यूं तो कुर्सी की लड़ाई नगर पालिका से लेकर सत्ता के सर्वोच्च शिखर संसद तक है, लेकिन एक कुर्सी ऐसी भी है, जो हमारे जनप्रतिनिधियों को पसंद ही नहीं है। इस कुर्सी पर सांसद और विधायकों का ही नाम लिखा है, लेकिन कई साल बीत गए, लेकिन किसी भी सांसद और विधायक ने इस कुर्सी पर बैठना मुनासिब नहीं समझा।

By RashidEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 02:20 PM (IST)
अब सांसद और विधायक नहीं करते हैं रोडवेज की बस से सफर
अब सांसद और विधायक नहीं करते हैं रोडवेज की बस से सफर

मुरादाबाद(जेएनएन)। यूं तो कुर्सी की लड़ाई नगर पालिका से लेकर सत्ता के सर्वोच्च शिखर संसद तक है, लेकिन एक कुर्सी ऐसी भी है, जो हमारे जनप्रतिनिधियों को पसंद ही नहीं है। इस कुर्सी पर सांसद और विधायकों का ही नाम लिखा है, लेकिन कई साल बीत गए, लेकिन किसी भी सांसद और विधायक ने इस कुर्सी पर बैठना मुनासिब नहीं समझा। यहां आपको बता दे कि, यह कुर्सी है रोडवेज बस की। अब सीट पर आम लोगों को बैठना का मौका मिल रहा है। आम लोग सांसद और विधायक की सीट पर बैठकर सफर कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की हर बस में सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायकों के लिए सीटें आरक्षित हैं, लेकिन इन रोडवेज बसों में सम्भल में ही नहीं शायद पूरे देश में सांसद, विधायक या पूर्व सांसद व विधायक बस में आरक्षित सीट पर सफर नहीं करते। परिवहन निगम के पास मौजूद आकड़ों के अनुसार पिछले बीस वर्ष से चन्दौसी रोडवेज से किसी भी वर्तमान सांसद व विधायक ने सफर नहीं किया है। साथ ही पूर्व सांसद व विधायक भी बस की सीट पर बैठकर सफर करता पसंद नहीं कर रहे हैं। पहले जब सांसद व विधायक बसों में सफर करते थे तो परिचालक द्वारा रजिस्टर में चढ़ा दिया जाता था। तो सफर करने वाले सांसद व विधायकों का डाटा मिल भी जाता था। अब ईटीएम से टिकट के बाद तो यह ब्यौरा मिलना भी बंद हो गया। परिवहन निगम अधिकारियों के मुताबिक 20 साल से किसी सांसद, विधायक को उन्होंने बस में सफर करते नहीं देखा। पूर्व विधायक भी इस सीट का उपयोग करते नही दिखते हैं। परिवहन निगम के पास मौजूद आकड़ों में वर्षो से किसी भी सांसद और विधायक ने साधारण, एसी, वोल्वो, स्कैनिया बस में सफर नहीं किया। दो बार के सांसद हों या दो-तीन बार के विधायक, वह महंगी एसयूवी में अपने समर्थकों के साथ ही सफर करते रहे हैं, न कि आम जनता के बीच और उनके साथ। पीतल नगरी के डिपो के परिचालक दिनेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि उसको 18 वर्ष नौकरी करते हो गए है। उन्होंने आज तक किसी भी मौजूदा विधायक या सांसद तो दूर की बात है किसी पूर्व सांसद व विधायक को सफर करते नही देखा है।

पहले सांसद व विधायक की सीट पर नहीं बैठते थे आम आदमी

चन्दौसी: पहले रोडवेज बसों में सांसद व विधायक की आरक्षित सीट पर किसी भी यात्री बैठने नही दिया जाता था। जिस पर कभी कभी यह सीटे खाली ही रहती थी। अगर कोई यात्री इन सीटों पर बैठना चाहता था। तो परिचालक उस यात्री को बता देता था कि सांसद या विधायक के आने पर उनको यह सीट खाली करनी होगी। सांसद व विधायक के आने पर यात्री को सीटे खाली भी करते थे, लेकिन आज बस मेें सफर करने वाले यात्री इन सीटों पर आराम से बिना उठने के डर के ही सफर करते हैं।


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