अब लोगों को रोजगार भी देगी कोसी Rampur News
कोसी नदी किनारे बसे 34 गांव बनेंगे माडल गांव। नदी की साफ-सफाई भी कराई जाएगी।
(मुस्लेमीन)रामपुर। बारिश के दिनों में तबाही मचाने वाली कोसी नदी अब 34 गावों के लोगों के लिए जीवनदायिनी बनेगी। नदी को संरक्षित करने के साथ ही इसके किनारे बसे गांवों को माडल गांव बनाया जाएगा। इन गांवों के लोगों को हुनरमंद बनाकर रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा। मनरेगा से भी साढ़े चार करोड़ के काम होंगे और 5500 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। कुल मिलाकर दस करोड़ खर्च होंगे।
बारिश के दिनों में कोसी नदी में बाढ़ आती है तो किनारे बसे गांवों में तबाही मचाती है। इस कारण स्वार, सैदनगर, चमरौआ व शाहबाद ब्लाक के 34 बाढग़्रस्त गांव विकास में भी पिछड़ गए हैं। अब प्रशासन ने इन गांवों को बाढ़ से बचाने के साथ ही विकास के लिए योजना बनाई है। गांव में नदी के तटबंध को दो मीटर ऊंचा करके बनाया जाएगा, ताकि बाढ़ का पानी गांव में न घुस सके। इसके साथ ही तटबंध पर लेमन ग्रास लगाई जाएगी। नदी किनारे के खेतों में पानी भर जाने से फसल बर्बाद हो जाती है, अब इन खेतों में आम व अमरुद के बाग लगाए जाएंगे। इनमें पौधे लगाने से लेकर तीन साल तक देखरेख पर जो भी खर्चा आएगा उसे सरकार मनरेगा से खर्च करेगी।
मनरेगा के सहायक आयुक्त प्रभु दयाल बताते हैं कि 34 गांवों में मनरेगा से साढ़े चार करोड़ के काम कराए जाएंगे। 5500 लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। गांव में नाली खड़ंजा का निर्माण भी होगा।
बैंकों से लोन दिलाया जाएगा
गांवों के बेरोजगारों को मोची, लोहार, वेल्डर, कंप्यूटराइजेशन की कौशल विकास केंद्र पर मुफ्त ट्रेङ्क्षनग दी जाएगी। इन्हे हुनरमंद बनाकर मुद्रा लोन योजना के तहत बैंकों से लोन दिलाया जाएगा, ताकि ये लोग स्वरोजगार से जुड़ सकें। महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए उनके समूह बनाए जा रहे हैं। ग्रामीणों का हेल्थ चेकअप करने के साथ ही आयुष्मान भारत योजना के कार्ड बनाए जा रहे हैं। सभी विधवाओं और विकलांगों को पेंशन मुहैया कराई जा रही है।
राज्यपाल ने भी देखा काम
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह बताते हैं कि कोसी संरक्षण का काम शुरू हो चुका है। 17 फरवरी को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी आगापुर पहुंचकर संरक्षण कार्य को देखा। 31 मई तक सभी कार्य पूरे कराने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग और उद्यान विभाग समेत विकास से जुड़े सभी विभागों को काम कराने के निर्देश दिए गए हैं। खनिज विभाग भी इन गांवों के विकास पर 80 लाख खर्च करेगा। सभी विभाग करीब 10 करोड़ खर्च करेंगे।