अब सीधे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण लैब से जुड़ेगा गजरौला, जानिए क्याेंं Amroha News
जनपद अमरोहा के गजरौला में दिनों दिन प्रदूषण बढता ही जा रहा है। इसी को देखते हुए अब गजरौला की मानीटरिंंग सीधे केंद्रीय प्रदूषण लैब से होने जा रही है।
मुरादाबाद। अमरोहा के गजरौला मेंं लंबे से समय प्रदूषण की गिरफ्त में फंसे गजरौला की आबोहवा की ऑनलाइन मॉनीटरिंग अभी तक नहीं कराई जा रही है। ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिए गजरौला को केंद्रीय लैब से जोड़ा जा सकता है। इसका फैसला शनिवार को प्रदेश मुख्यालय पर होने वाली राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में लिया जा सकता है।
यह है पूरा मामला
अमरोहा जनपद का गजरौला शहर नेशनल हाईवे दिल्ली-लखनऊ के किनारे है, जहां केमिकल उत्पादन से लेकर छोटी-बड़ी दर्जनों इकाई हैं। इनके प्रदूषित पानी को लेकर बगद नदी का पानी काला व जहरीला हो चुका है, जिसे पशु-पक्षी पीना तो दूर की बात है, उसके नजदीक होकर भी नहीं गुजरते हैं। इससे भी ज्यादा खराब स्थिति यहां की आबोहवा की है। नेशनल हाईवे से गुजरने वाले लोग भी यह महसूस करते हैं। यह स्थिति सालों से है। इसके बाद यहां की प्रदूषित आबोहवा की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की व्यवस्था नहीं की गई है, जिस कारण यहां हवा जहरीली होने पर लोग सांस व दमा की परेशानी में पड़ जाते हैं। कुछ माह पहले एक रोगी की मौत होने पर जांच तक की गई थी। शनिवार को प्रदेश मुख्यालय पर गोमती नगर स्थित विभूति खंड में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की होने वाली बैठक में यहां की प्रदूषण की समस्या प्रमुखता से उठने के साथ गजरौला की ऑनलाइन मॉनीटरिंग को केंद्रीय प्रयोगशाला से जोड़े जाने का फैसला व यहां प्रदूषण नियंत्रण विभाग का जिला स्तरीय आफिस खोले का फैसला हो सकता है।
बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा मामला : भिखारी प्रजापति
गजरौला : विश्व ङ्क्षहदू महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भिखारी प्रजापति ने बताया गजरौला के प्रदूषण की समस्या से वह अवगत हैं। उन्हें इस बारे गजरौला के डॉ उत्तम ङ्क्षसह प्रजापति से विस्तृत जानकारी मिल चुकी है। इसे शनिवार को होने वाली राज्य स्तरीय बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा ताकि जिनकी वजह से प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके तथा ऑनलाइन मॉनीटङ्क्षरग के लिए कुछ प्रबंध किया जा सके।
देश व प्रदेश के प्रदूषित शहरों की सूची में भी आ चुका है गजरौला
गजरौला : औद्योगिक नगरी प्रदूषण के लिए सिर्फ जिले में बदनाम नहीं है बल्कि यहां का नाम कई बार सबसे प्रदूषित शहरों के साथ देश व प्रदेश की सूची में भी आ चुका है। इतना ही नहीं एनजीटी की टीम भी यहां कई बार प्रदूषित पानी बाहर फेंके जाने की शिकायतों को लेकर छापेमारी कर चुकी है। दो साल पहले यहां की एक बड़ी इकाई समेत 14 फैक्ट्रियों को एक माह के लिए बंद कराने के आदेश भी हुए थे।