Move to Jagran APP

अब महंगा हो जाएगा दाल-चावल खाना, जानिये क्यों चावल और दाल के महंगा होने को तय माना जा रहा

Eating Pulses and Rice will become Expensive दो दिन से लगातार हो रही बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। कुछ किसान धान की फसल बेचकर बेटियों के हाथ पीले करने का सपना देख रहे थे। लेकिन बरसात ने उन्हें मायूस कर दिया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 10:30 AM (IST)
अब महंगा हो जाएगा दाल-चावल खाना, जानिये क्यों चावल और दाल के महंगा होने को तय माना जा रहा
पककर तैयार फसल पानी में डूबने से खराब

मुरादाबाद, जेएनएन। Eating Pulses and Rice will become Expensive : दो दिन से लगातार हो रही बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। कुछ किसान धान की फसल बेचकर बेटियों के हाथ पीले करने का सपना देख रहे थे। लेकिन, बरसात ने उन्हें मायूस कर दिया है। किसानों की पली पलाई धान, उड़द समेत कई फसलें पानी में डूबने से बर्बाद हो चुकी हैं। इस साल दाल-चावल खाना भी महंगा होगा।चावल की महंगाई होना तय माना जा रहा है।

loksabha election banner

बरसात से किसानों के खेतों में पानी भरा हुआ है। जिन किसानों ने धान और उड़द की फसल कटवा ली थी उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उनकी फसल पानी में पड़ी गल रही है। धान का चावल खराब हो रहा है। उड़द की खेतों में पड़ा गल रहा है। इसके किसानों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है। अगवानपुर के संवाद सहयोगी के मुताबिक दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

रविवार की सुबह से ही हो रही मूसलाधार बरसात किसानों के लिए आफत बनकर बरस रही है। लागत व मेहनत से कमाई गई फसल पर पानी फिर गया है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। अगवानपुर निवासी गंगाराम सैनी की तोरी, करेला, लौकी का ठाट बरसात में गिर जाने से सारी फसल नष्ट हो गई है। गंगाराम सैनी ने बताया कि इससे वह अपने परिवार का खर्चा चला रहा था लेकिन, सारी फसल धराशाही हो गई है।

सलेमपुर बंगर निवासी हरप्रसाद सिंह, चन्द्रपाल सिंह, महलकपुर निजामपुर निवासी देवराज सिंह,सेरुवा धर्मपुर गांव निवासी गोविंदा सिंह, टेकचंद कश्यप, गुड्डू चौधरी आदि का कहना है कि खेत में धान की फसल कटी हुई है। दो दिन से हो रही बरसात से फसल खराब हो गई है। फसल में बहुत भारी नूकसान हुआ है।जिसकी भरपाई नहीं हो पाएगी। कुंदरकी के फत्तेहपुर खास गांव निवासी किसान जफीर अहमद ने दो दिन पहले ही अपनी उड़द की फसल कटवाई थी। उनकी फसल खेत में पड़ी हुई है। किसान का कहना है कि अब तो ऊपर वाले का ही भरोसा है। इसी गांव के इब्राहीम हुसैन की धान की फसल खेत में कटी हुई पड़ी है। अब बरसात रूकने का इंतजार करने के बजाए कोई सहारा नहीं है।

बरसात में गिरने लगे गरीबों के घरः भारी बरसात ने ग्रामीण क्षेत्र में कच्चे मकान गिरने शुरू हो गए हैं। धान की फसल को बड़ा नुकसान, कुछ फसल खड़ी हुई गिर गई है। कुछ कटी पड़ी है। इससे किसान बुरी तरह दुखी हैं। बरसात रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में मस्जिदों से दुआ कर रहे हैं। मस्जिदों से अजान लगाकर बरसात रुकने की दुआ हो रही है।किसान मुजम्मिल हुसैन ने बताया कि बरसात ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। सरकार को चाहिए कि किसानों की फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने का काम करे। 

किसान सरदार सिंह का कहना है कि हमारी धान की फसल बरसात से खेत में गिर गई। पानी खेत में भरा हुआ है, अब कुछ कर भी नहीं सकते हैं। यह बरसात किसानों पर आफत बनकर बरसी है। किसान बड्डे हुसैन का कहना है कि इस बरसात को आपदा ही कहा जाएगा। किसानों की फसल पकी हुई खड़ी थी। अचानक हुई बरसात ने किसानों के सपनों को तोड़ दिया है। मुआवजा मिलना ही चाहिए। जुम्मा हुसैन ने बताया कि किसानों पर चौतरफा मार पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि किसानों की राहत के लिए कोई अच्छी योजना लाए। जिससे खेती के क्षेत्र में लौटने लगें। इससे भागते ही नहीं रहें।

किसानों को मिलेगा मुआवजाः उप कृषि निदेशक सीएल यादव ने बताया कि जिले में जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया है। वह फसल बर्बाद होने के 72 घंटे के अंदर टोल फ्री नंबर 1800-103-5490/1800-889-6868 पर फोन करके सूचना दें। 72 घंटे में सूचना न देने वाले किसानों को बीमा योजना का लाभ नहीं मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.