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जनता का नहीं यह पार्टियों का गठबंधन है

ऑल इंडिया उलमा मशायख बोर्ड के संस्थापक-अध्यक्ष एवं व‌र्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन से बात

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 10:41 AM (IST)
जनता का नहीं यह पार्टियों का गठबंधन है
जनता का नहीं यह पार्टियों का गठबंधन है

मुरादाबाद : ऑल इंडिया उलमा मशायख बोर्ड के संस्थापक-अध्यक्ष एवं व‌र्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन सैयद मुहम्मद अशरफ किछौछवी बुधवार को मुरादाबाद के कोहना मुगलपुरा स्थित मदरसा तहजीबुल इस्लाम पहुंचे थे। देश और प्रदेश की सियासत के साथ मुसलमानों की भागीदारी को लेकर हमारे संवाददाता ने उनसे बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश.. सवाल : भाजपा नेता-सांसद मुसलमानों को पाकिस्तान जाने की नसीहत दे रहे हैं।

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जवाब : यह एक सियासी मुद्दा है। इसे डर्टी सियासत ही कहा जाएगा। हर नागरिक को हक हासिल है कि वह आजादी के साथ रहे। कोई उसे ये सलाह नहीं दे सकता है। हम सब ¨हदुस्तानी हैं। सवाल : सपा-बसपा गठबंधन पर आप क्या कहेंगे।

जवाब : ये दोनों सियासी लीडरों का गठबंधन है, प्रदेश वासियों का नहीं है। इसमें मुसलमान शामिल नहीं हैं। ये दोनों पार्टियां मुसलमानों को मजबूर समझ रहीं हैं कि हमारे सिवा कहां जाएंगे। ये इनकी गलतफहमी है। सवाल : मशायख बोर्ड की ओर से 28 फरवरी को सामाजिक न्याय सम्मेलन लखनऊ का मकसद क्या है।

जवाब : सामाजिक न्याय सम्मेलन में ऑल इंडिया उलमा मशायख बोर्ड के सभी प्रदेशों से सदस्य, उलमा, खानकाह और दानिश्वर तबका शामिल हो रहा है। सम्मेलन की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं। इन सभी की मौजूदगी में तय किया जाएगा कि जो पार्टी मुसलमानों की हिस्सेदारी तय करेगी। सवाल : पहले भी आपने समर्थन दिया था।

जवाब : सत्ता हासिल करने के बाद भी मुसलमानों को हिस्सेदारी नहीं मिली। उन लोगों को नजरअंदाज करेंगे जो सिर्फ हमारा इस्तेमाल करना चाहते हैं। हमारी कोशिश है कि मुसलमानों के जो मसाइल हैं, उन्हें पूरा करने वाली पार्टी को ही समर्थन दिया जाएगा। सवाल : तालीम के लिए आपका क्या नजरिया है।

जवाब : मशायख बोर्ड के गठन के बाद से हमारा एक ही संदेश है कि आधी रोटी खाएंगे बच्चों को पढ़ाएंगे। तालीम बहुत जरूरी है। मुसलमानों से गुजारिश है कि वे अपने बच्चों को हर हाल में तालीम दिलाएं। उनके ऐसा करने से ही मुआशरे में सुधार पैदा होगा। सवाल : मशायख बोर्ड की ओर से आप क्या संदेश देंगे।

जवाब : ऑल इंडिया मशायख बोर्ड अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुए फैसला ले रहा है। प्रदेश वासियों से उम्मीद करता है कि वो एकजुट होकर हमारी इस मुहिम, पहल और मांग को कुबूल करते हुए इसे कामयाब करें।


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