अमरोहा में रात में भी साक्ष्य जुटाती रही एनआइए टीम
दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मोहम्मद फैज कोलेकर पहुंची एनआइए की टीम गुरुवार आधी रात तक कार्रवाई में जुटी रही।
अमरोहा, जेएनएन। दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मोहम्मद फैज कोलेकर पहुंची एनआइए की टीम गुरुवार आधी रात तक कार्रवाई में जुटी रही। साक्ष्य जुटाने के बाद तड़के दिल्ली लौट गई। इस दौरान टीम संदिग्ध को लेकर देर रात पूर्व में पकड़े गए सैदपुर इम्मा निवासी सगे भाई सईद व रईस की दुकानों पर भी पहुंची। वहां पर भी मोहम्मद फैज से पूछताछ की।
गुरुवार की दोपहर एनआइए की टीम दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी मोहम्मद फैज को लेकर अमरोहा पहुंची। यहां टीम ने सबसे पहले मदरसा जामा मस्जिद में फैज की निशानदेही पर साक्ष्य जुटाए। चूंकि गिरफ्तारी के बाद मोहम्मद फैज ने एनआइए को बताया था कि वह अपने दो साथियों के साथ आतंकी संगठन हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम के मुखिया मुफ्ती सुहैल के बुलावे पर अमरोहा आया था, तथा यहां मदरसा जामा मस्जिद में ठहरे थे। यहां पर टीम ने मदरसा प्रबंध समिति से बात करने के साथ ही रिकार्ड भी चेक किया। साक्ष्य जुटाने के बाद टीम उसे लेकर मुफ्ती सुहैल के घर तथा बाद में मुहल्ला बड़ा दरबार स्थित उसकी ससुराल भी गई थी। वहां पर भी टीम ने साक्ष्य जुटाए थे। देर रात तक टीम नगर कोतवाली में ठहरी थी।
रात लगभग बारह बजे टीम मोहम्मद फैज को लेकर नगर कोतवाली से निकली। इसके बाद एनआइए टीम उसे लेकर मुहल्ला इस्लामनगर स्थित सईद व रईस की वेङ्क्षल्डग की दुकान पर पहुंची तथा पूछताछ की। उसके बाद गांव सैदपुर इम्मा के अड्डे पर स्थित उनकी दूसरी दुकान पर भी गई तथा वहां भी फोटोग्राफी की थी। उसके बाद तड़के लगभग पांच टीम संदिग्ध को साथ लेकर दिल्ली लौट गई। बता दें कि बीती 26 दिसंबर 2018 को एनआइए ने अमरोहा में छापा मार कर आतंकी संगठन हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम के कथित सरगना मुफ्ती सुहैल के साथ गांव सैदपुर इम्मा निवासी सगे भाई सईद व रईस तथा मुहल्ला पचदरा निवासी आटो चालक इरशाद को भी गिरफ्तार किया था।
कुछ और मदरसा छात्रों से हो सकती है पूछताछ
गुरुवार को संदिग्ध आतंकी को लेकर साक्ष्य जुटाने अमरोहा पहुंची एनआइए टीम फिर से अमरोहा आ सकती है। संकेत मिले हैं मोहम्मद फैज या मौलाना गुफरान को लेकर टीम फिर से अमरोहा आकर साक्ष्य जुटा सकती है। टीम के पास कुछ मदरसा छात्रों के नाम व मोबाइल नंबर हैं। संभवत उनसे पूछताछ कर संदिग्धों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाए जाएंगे।
पांच महीने से अमरोहा में चल रही एनआइए की कार्रवाई अभी खत्म होने की तरफ नहीं है। चूंकि संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में लगी एनआइए गुरुवार को फिर से अमरोहा पहुंची थी। उसके साथ इस संगठन से जुड़ा नया युवक मोहम्मद फैज साथ था। एनआइए से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अभी टीम अमरोहा में सक्रिय रहेगी। चूंकि पर्याप्त साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। लिहाजा किसी भी दिन टीम फिर से अमरोहा आकर कार्रवाई कर सकती है। बता दें बीते सोमवार को एनआइए ने मौलाना गुफरान को पांच दिन की रिमांड पर लिया। शुक्रवार शाम उसकी रिमांड खत्म हो गई परंतु मोहम्मद फैज अभी एनआइए की गिरफ्त में है। सूत्रों के मुताबिक किसी भी दिन एनआइए मोहम्मद फैज या मौलाना गुफरान को रिमांड पर लेकर अमरोहा पहुंचेगी तथा कुछ छात्रों से पूछताछ करेगी। इन छात्रों के नंबर मुफ्ती सुहैल, मौलाना गुफरान व मोहम्मद फैज के मोबाइल से मिले हैं। छात्र अमरोहा के मदरसे में पढऩे वाले हैं तथा दूसरे शहरों के रहने वाले हैं। इन छात्रों से तीनों संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।
आम पूछताछ के लिए आई थी एनआइए
गुरुवार दोपहर बाद नगर के मदरसा जामा मस्जिद में पहुंची एनआइए की टीम को लेकर शहर में दहशत का माहौल बना हुआ था। चूंकि जामा मस्जिद मदरसा न सिर्फ अमरोहा नगर बल्कि जिले में बड़ा मरकज माना जाता है। लिहाजा लोगों में इसे लेकर नाराजगी भी थी। शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान मुफ्ती मोहम्मद मुंसिफ ने तकरीर के माध्यम से लोगों को समझाया। उन्होंने कहा परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह टीम आम पूछताछ के लिए आई थी।
अमरोहा नगर का मदरसा जामा मस्जिद 26 दिसंबर 2018 को उस समय चर्चा में आया था जब एनआइए ने पास ही रहने वाले मुफ्ती सुहैल को गिरफ्तार किया था। उसके बाद 20 अप्रैल को गांव बांसखेड़ी निवासी मौलाना गुफरान को भी एनआइए ने गिरफ्तार किया तो एक बार फिर मदरसा जामा मस्जिद का नाम सुर्खियों में आया। मौलाना गुफरान ने इसी मदरसे में तालीम हासिल की थी। अब गुरुवार को फिर से दिल्ली से पकड़े गए संदिग्ध आतंकी मोहम्मद फैज को लेकर एनआइए अमरोहा के मदरसा जामा मस्जिद पहुंची तो फिर से मामला सुर्खियों में आ गया। चूंकि इस बार टीम उसे लेकर सीधे मदरसा परिसर में पहुंची तथा यहां पूछताछ की थी। इसको लेकर लोगों में रोष भी था। मुस्लिम कमेटी ने इसकी ङ्क्षनदा भी की थी। चूंकि मामला राष्ट्रहित का था लिहाजा न सिर्फ स्थानीय लोगों ने बल्कि मदरसा प्रबंध समिति ने एनआइए का भरपूर सहयोग किया था। शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान मुफ्ती मोहम्मद मुंसिफ ने तकरीर के दौरान शहर के लोगों को समझाया कि शहर के लोगों को परेशान होने की जरूरत नही है। यह एनआइए की जांच कार्रवाई का हिस्सा था।
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