एनएचएआइ को चुकानी होगी 40 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी Moradabad News
जेएनएन मुरादाबाद। बरेली-मुरादाबाद एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा का सौ रुपये के स्टांप पेपर पर अनुबंध कराना भारी पड़ गया है।
जेएनएन, मुरादाबाद। बरेली-मुरादाबाद एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा का सौ रुपये के स्टांप पेपर पर अनुबंध कराना भारी पड़ गया है। स्टांप एवं निबंधन विभाग ने 25 करोड़ रुपये की स्टांप कमी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। स्टांप एवं निबंधन विभाग के अफसरों ने बुधवार को जिलाधिकारी की कोर्ट में इस वाद को स्थानांतरित कर दिया है। वहीं इस स्टांप ड्यूटी पर डेढ़ फीसद ब्याज के साथ वसूली का प्राविधान है।
अफसरों ने बताया कि ब्याज वसूली के साथ ही एनएचएआइ प्रबंधन को लगभग 40 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ सकती है। गौरतलब है कि साल 2010 में 181 किलो मीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का कार्यदायी संस्था के साथ एनएचएआई ने अनुबंध किया था। साल 2014 से इस एक्सप्रेस-वे में दो टोल प्लाजा का संचालन किया जा रहा है। स्टांप एवं निबंधन विभाग ने पूर्व में नोटिस जारी करके दो फीसद की दर से स्टांप ड्यूटी अदा करने के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन एनएचएआई के अफसरों ने आंध्र प्रदेश सरकार का शासनादेश दिखाते हुए खुद को स्टांप ड््यूटी से मुक्त बता दिया था। जबकि विभागीय अफसर लगातार इस मामले में एनएचएआइ के अफसरों को स्टांप ड्यूटी देने के लिए दबाव बना रहे थे।
साल 2016 में इसी मामले को लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी ने एक दिन के लिए टोल प्लाजा में वसूली प्रक्रिया को बंद करा दिया था। जिसके बाद शासन स्तर पर मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद टोल वसूली शुरू हुई थी। लेकिन, बीते सात जनवरी को प्रमुख सचिव अजय अवस्थी ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर इस मामले में वाद दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। एआइजी स्टांप मुकेश श्रीवास्तव ने बताया कि टोल प्लाजा पर 25 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी न चुकाने से संबंधित वाद की सुनवाई जिलाधिकारी कोर्ट में होगी। वहीं इस मामले में 2010 से डेढ़ फीसद ब्याज के साथ लगभग 40 करोड़ रुपये की स्टांप वसूली तय हो सकती है। वहीं एनएचएआइ के अफसर लगातार इस कार्रवाई को गैरकानूनी बता रहे हैं।