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अवैध रूप से संचालित दो अस्पतालों के संचालकों पर मुकदमा

जेएनएन मुरादाबाद। बगैर लाइसेंस अस्पताल चलाने के दो आरोपितों के खिलाफ पाकबड़ा पुलिस ने मुकद

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 02:48 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 02:48 AM (IST)
अवैध रूप से संचालित दो अस्पतालों के संचालकों पर मुकदमा
अवैध रूप से संचालित दो अस्पतालों के संचालकों पर मुकदमा

जेएनएन, मुरादाबाद। बगैर लाइसेंस अस्पताल चलाने के दो आरोपितों के खिलाफ पाकबड़ा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग व पुलिस द्वारा की गई कानूनी कार्रवाई के बाद भी एक अस्पताल के संचालक ने सील को तोड़ दिया। इस आरोप में अस्पताल संचालक के खिलाफ दूसरा मुकदमा लिखे जाने की तैयारी हो रही है।

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पाकबड़ा थाना प्रभारी रजनी द्विवेदी ने बताया कि क्षेत्र के डींगरपुर रोड स्थित हाशमपुर चौराहे के पास सिटी अस्पताल और ख्वाजा गरीब नवाज अस्पताल लंबे समय से चल रहे थे। डिप्टी सीएमओ डॉ.डीके प्रेमी ने बुधवार को वहां औचक निरीक्षण किया। छानबीन में पता चला कि बगैर अनुमति अस्पताल का संचालन हो रहा है। जन शिकायतों के आधार व वैध प्रपत्रों के अभाव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों ही अस्पतालों को सील कर दिया। गुरुवार रात एसीएमओ ने इंडियन मेडिकल कॉउंसिल एक्ट के तहत दोनों ही अस्पताल के संचालकों के खिलाफ तहरीर पाकबड़ा पुलिस को सौंपी। इसके आधार पर पुलिस ने सिटी अस्पताल और ख्वाजा गरीब नवाज अस्पताल के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इस बीच शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग को खबर मिली कि सील हुए सिटी अस्पताल को दोबारा चलाने का प्रयास हो रहा है। संचालक ने अस्पताल की सील तोड़ दी है। इससे संबंधित आरोपों की तहरीर देर शाम पाकबड़ा पुलिस को सौंप दी गई। इस बाबत थाना प्रभारी ने बताया कि घटना स्थल का निरीक्षण किया गया है। आरोपित के खिलाफ दूसरा मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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स्वास्थ्य विभाग के रहमोकरम पर चल रहे दो दर्जन अस्पताल

- डींगरपुर रोड अस्पतालों की मंडी बना हुआ है। डींगरपुर मार्ग पर लगभग दो दर्जन अस्पताल बने हुए है। सभी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम पर चल रहे है। अस्पताल संचालक आम जन मानस की जिदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है। किसी न किसी अस्पताल में आये दिन केस बिगड़ते है। कुछ मामलों को अस्पताल के अंदर सुलटा लिया जाता है। तो कुछ स्वास्थ्य विभाग के यहां शिकायत कर देते है। तो उन मामलों को स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में मामले को सुलटा लिया जाता है। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम से लोगों की जिदगी के साथ खिलवाड़ शुरु हो जाता है। डींगरपुर मार्ग पर दो अस्पताल ऐसे है कि टीम छापेमारी करने आती है। उसके बाद भी उन दो अस्पतालों पर कोई असर नहीं होता। और ज्यों की त्यों चलते रहते है। सूत्रों से पता चला कि स्वास्थ्य विभाग का चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी हर महीने की पांच से दस तारीख के बीच पाकबड़ा आता है। और सभी पर अपनी हाजरी दर्ज कराकर अवैध अस्पतालों को चलाने का सर्टिफिकेट दे जाता है। अगर स्वास्थ्य विभाग अभी नही चेता तो शायद किसी बड़ी घटना का इंत•ार कर रहा है।


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