मुरादाबाद के डिलारी में अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर में ही लगा रहीं टीका, लगातार बरती जा रही लापरवाही
Negligence in corona vaccination प्रतिरक्षण अधिकारी समेत टीकाकरण में लगे अन्य अधिकारी मानिटरिंग करने के लिए नहीं जा रहे हैं। यही वजह है कि आए दिन बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। सख्ती कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है।
मुरादाबाद [मेहंदी अशरफी]। Negligence in corona vaccination : केंद्र और राज्य सरकार कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन करा रही है। लेकिन, नियमों की अनदेखी के बिना वैक्सीनेशन होना है। लेकिन, मुरादाबाद जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का आलम ये है कि नियमों को ताक पर रखकर टीकाकरण किया जा रहा है। अब फिर से डिलारी की नगर पंचायत ढकिया का मामला सामने आया है।
इंटरनेट मीडिया पर एक फोटो तेजी से वायरल हो रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने घर में ही कोरोना से बचाव का वैक्सीनेशन खुद कर रही है। डिलारी की नगर पंचायत ढकिया में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शहाना परवीन के घर टीका लगवाने वालों की सुबह आठ बजे से ही भीड़ लग जाती है। उन्हेa सरकारी स्तर पर कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया। इसके बाद भी डिलारी एमओआइसी द्वारा वैक्सीनेशन का पूरा स्टाक उन्हें दे दिया गया है। हालात ये हैं कि प्रतिरक्षण अधिकारी समेत टीकाकरण में लगे अन्य अधिकारी मानिटरिंग तक करने के लिए नहीं जा रहे। इस वजह से व्यवस्थाएं पूरी तरह खराब हो रहीं है। पूरी तरह नियमों को ताक पर रखा गया है। वैक्सीनेशन की मानिटरिंग धरातल पर होती तो इस तरह के मामले सामने नहीं आते।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को टीका लगाने की कोई अनुमति नहीं है। न ही वो वैक्सीन अपने घर पर लेकर जा सकती हैं। ये जांच का विषय है। जांच कराने के बाद दोषी स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसमें किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।
डाॅ. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
प्रकरणों में जांच के बाद मिलती है क्लीनचिट : डिलारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर मरीजों का उपचार नहीं करते। महिला डाक्टर की हाजिरी एमओआइसी लगाते हैं। विरोध करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ झूठा षडयंत्र रच दिया जाता है। आशा कार्यकर्ता फर्जी वैक्सीनेशन पोर्टल पर चढ़वा देती है और अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने घर पर टीकाकरण कर रही है। सभी मामलों में स्वास्थ्य अधिकारी को क्लीन चिट दे दी जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधरने के बजाय बिगड़ती जाएंगी। अगर किसी को गलत वैक्सीन लग गई तो इसकी जवाबदेही कौन तय करेगा।