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शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार की जरूरत: कुलपति Rampur News

राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी अत मूल्यों के विकास के लिए प्राथमिक शिक्षा की पाठ्य चर्या में सभी धर्मों के मूल तत्वों का समावेश किया जाए।!

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 09:50 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 09:50 AM (IST)
शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार की जरूरत: कुलपति Rampur News
शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार की जरूरत: कुलपति Rampur News

मुरादाबाद, जेएनएन। महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अनिल शुक्ला ने कहा कि अध्यापक का कार्य मूल्यों का संरक्षण करना है। इसके लिए उन्हें सदैव समर्पित रहना चाहिए। वर्तमान में शिक्षा के स्तर में सुधार की आवश्यकता है। शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को चाहिए कि भौतिकता के पीछे न भाग भारतीय संस्कृति, सदाचार एवं नैतिक मूल्यों को आत्मसात करते हुए आगे बढें।

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राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कार्यक्रम में हुए शामिल

कुलपति ने शनिवार को राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिक्षा में मानवीय मूल्य एवं व्यवसायिक नैतिकता: आवश्यकता एवं महत्व विषय पर हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी में यह बात कही। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में अच्छी आदतों, संस्कारों एवं मानवीय मूल्यों की भावनाओं को समावेशित करने का प्रयास करना चाहिए। शिक्षा व्यवस्था ऐसी हो जो विद्यार्थी को वास्तविकता का बोध कराते हुए उन्हें प्रेम, करुणा, प्रज्ञा, संवेदनशीलता व अंत:ज्ञान आदि गुणों से युक्त बनाए।

मूल्यों का पतन बाजारीकरण के वजह से

की-नॉट स्पीकर के रूप में बोलते हुए भूतपूर्व डीन प्रोफेसर एनएल शर्मा ने कहा कि शिक्षा में मूल्यों का पतन इस के बाजारीकरण के वजह से हुआ है। अध्यापक अगर अधपका है तो शिष्य भी कच्चा रह जाएगा। अत: शिक्षक के आचरण में नैतिक मूल्यों का होना बहुत जरूरी है। अध्यापक वह कलाकार है जो कल का निर्माण करता है। अत: उन्हें अपने दायित्व का निर्वहन सावधानी पूर्वक करना चाहिए। एनसीईआरटी के पूर्व चेयरमैन डॉ. जेएस राजपूत पूर्व ने कहा कि वर्तमान दौर सूचना संचार क्रांति का दौर है। मूल्य आधारित शिक्षा का रास्ता प्राथमिक शिक्षा से होकर गुजरता है। अत: मूल्यों के विकास के लिए प्राथमिक शिक्षा की पाठ्य चर्या में सभी धर्मों के मूल तत्वों का समावेश किया जाए।

ये लोग भी रहे मौजूद

प्रोफेसर केके चौधरी, डॉ. देवेंद्र ङ्क्षसह ङ्क्षसधु, डॉ. संतोष अरोड़ा, प्रोफेसर सुबोध, डॉ. अभय मित्तल, डॉ. सैयद एजाज अली, डॉ. माधुरी रस्तोगी, डॉ. असलम खान, डॉ. यास्मीन सिद्दीकी व डॉ. महबूब अली गौरी उपस्थित रहे। इससे पूर्व प्राचार्य डॉ. पीके वाष्र्णेय द्वारा अतिथियों को पुष्प एवं शॉल भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। संचालन सैयद अब्दुल वाहिद शाह ने किया। 


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