Navratri 2022 : कल शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थाना, जानें किस दिन क्या लगाएं भोग
Navratri 2022 मां भगवती की आराधना एवं जन-जन में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित गान का पखवारा यानी शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं। शारदीय नवरात्र 2022 में माता रानी का आगमन औप्रस्थान हाथी (गज) से होगा।
Navratri 2022 : मां भगवती की आराधना एवं जन-जन में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित गान का पखवारा यानी शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं। शारदीय नवरात्र 2022 में माता रानी का आगमन औप्रस्थान हाथी (गज) से होगा।आश्विन शुक्ल पक्ष से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होकर चार अक्टूबर मंगलवार को महानवमी तक चलेंगे।
जानें क्यों इस बार पूरे नौ दिन हैं नवरात्र
आचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ल के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे, जिसमें अलग अलग दिन मां भगवती के नौ रूपों की पूजन होगा। पांच अक्टूबर बुधवार को विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा। इस वर्ष नवरात्र में क्षय नहीं होने से माता का पूजन पूरे नौ दिन तक किया जाएगा।
तिथि के अनुसार लगाएं भोग
- प्रतिपदा-गाय का घी
- द्वितीया-मिश्री
- तृतीया-गाय का दूध
- चतुर्थी-मालपुआ
- पंचमी-पका केला
- षष्ठी-मधु
- सप्तमी-गुड़
- अष्टमी -नारियल
- नवमी-धान का लावा
- दशमी-काले तिल का लड्डू
पूरे नौ दिन बारिश होने की संभावना
प्रत्येक दिन अलग अलग देवी के स्वरूप की पूजा अर्चना होगी। इस वर्ष की नवरात्र में माता का आगमन गज से होने के कारण जल वर्षा का प्रभाव ज्यादा रहेगा। यानी बारिश ज्यादा होगी। कृषि के लिए उत्तम समय होगा। साथ ही राजनीतिक विखण्डन एवं उथल पुथल काफी देखने को मिलेगा। इस बार माता का आगमन अति शुभकारी है लेकिन, महंगाई में काफी वृद्धि हो सकती है।
घट स्थापना अति शुभ मुहूर्त में होगी
ज्योतिषाचार्य पंं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की इस बार नवरात्र में प्रथम पूजा प्रतिपदा तिथि के साथ ब्रह्मयोग से युक्त होगी, जिसके चलते नवरात्र अतिशुभ मुहूर्त में शुरू होगा। इस शुभ मुहूर्त में माता का घट स्थापना कर विधि विधान के अनुसार पूजन किया जाए तो हर तरह की समस्याओं से समाज को निदान मिलेगा।
महत्वपूर्ण समय
- घट स्थापना मुहूर्त प्रात: 6:15पूर्वाहन से 7:25 पूर्वाहन तक
- प्रात: 9:10पूर्वाहन से 3:05 अपराह्न् तक शुभ मुहूर्त है।
माता के धरती पर अवतरित होने की है मान्यता
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। मान्यता है कि मांं दुर्गे नवरात्र के नौ दिन पृथ्वी पर अवतरित होती हैंं। नवरात्र में माता के नौ अलग अलग स्वरूपों की उपासना व्रत और साधना की जाती है।
पूजन में क्या-क्या करें
इस समय दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चहिए। माता के 108 नाम का जाप करना चाहिए इससे बाधा, रुकावट, रोगनाश, शत्रु पर विजय, विभिन्न तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। कार्य में सफलता और पारिवारिक सुख शांति, समृद्धि की प्राप्ति होती है।