रामपुर में कोराना वायरस को भगाने के लिए मुसलमानों ने अपनाया अनोखा तरीका, आधी रात दे रहे अजान Rampur News
जिला मुफ्ती का कहना है कि अल्लाह के रसूल ने फरमाया है कि मुसीबत के वक्त बस्ती में अजान पढ़ी जाए तो अल्लाह परेशानी से निजात दिला देता है।
रामपुर (मुस्लेमीन)। कोरोना वायरस से बचाव के लिए मुसलमानों ने अनोखा तरीका अपनाया है। वे आधी रात में अपने घरों की छतों और मस्जिदों में अजान दे रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब मस्जिदों में पांच के बजाय छह बार अजान दी जा रही है। रामपुर में करीब महीनेभर से यह सिलसिला जारी है। दुनियाभर में दहशत फैलाए कोरोना वायरस से हर कोई खौफजदा है।
अजान देने पहुंच रहे इमाम
देशभर में लॉकडाउन है। लोग अपने घरों में कैद हैं। कहीं भी भीड़ जमा न हो, इसके लिए धार्मिक स्थलों पर भी पाबंदी लगा दी गई है। मस्जिदों में इमाम अजान देने के लिए पहुंच रहे हैं। जुमे की नमाज भी सिर्फ चार-पांच लोग ही पढ़ते हैं। लेकिन, इस सबके बावजूद मस्जिदों में अजान पांच के बजाय छह बार पढ़ी जा रही है। इस्लाम में पांच वक्त नमाज पढऩा जरूरी है। सुबह फज्र की नमाज, उसके बाद दोपहर में जुहर की नमाज, फिर पांच बजे अस्र की नमाज पढ़ी जाती है। शाम को सूरज छिपने के बाद मगरिब और रात आठ बजे ईशा की नमाज होती है। अजान नमाजियों को बुलाने के लिए दी जाती है। इस तरह पांच वक्त की नमाज के लिए पांच बार ही अजान पढ़ी जाती है। लेकिन, कोरोना वायरस को भगाने के लिए पिछले 24 मार्च से रामपुर की अनेक मस्जिदों में छह बार अजान पढ़ी जा रही है।
लोग छतों पर पढ़ रहे अजान
लोग अपने घरों की छतों पर भी अजान पढ़ रहे हैं। यह अजान रात में 10 बजे से 11.30 बजे तक पढ़ी जाती है, जबकि इस वक्त कोई नमाज भी नहीं होती है। महामारी को भगाने के लिए अजानबिना नमाज की अजान क्यों पढ़ी जा रही है, इस बारे में लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस को भगाने के लिए अजान दी जा रही है। इस बारे में कालपी शरीफ जालौन के सज्जादनानशीन अलहाज मीर सैयद मोहम्मद गयासुद्दीन अहमद कादरी की ओर से अपील की गई थी। उन्होंने कहा था कि दुनियाभर में कोरोना बीमारी फैली हुई है और इस्लाम में किसी भी मुसीबत से बचने के लिए एक तरीका अजान देना भी है। उन्होंने 24, 25 व 26 मार्च को घरों की छतों से अजान देने की अपील की थी। लेकिन, रामपुर में यह सिलसिला अब भी जारी है। काजी ए शरआ व जिला मुफ्ती सैयद फैजान मियां कहते हैं कि महामारी को भगाने के लिए इस तरह अजान पढ़ी जा सकती है।