दुष्कर्म में फंसाने के लिए मां-बेटी ने रची साजिश, जांच में खुली पोल तो पुलिस भी रह गई हैरान Moradabad News
एसपी देहात उदयशंकर सिंह ने बताया कि झूठे मुकदमे दर्ज कर लोगों को फंसाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ऐसे मामलों की बारीकी से जांच करेगी।
मुरादाबाद। दुष्कर्म का आरोप झेलने वाले हर शख्स को गलत ठहराना जायज नहीं होता, कभी-कभी आरोप लगाने वाली महिलाएं और युवतियां ही गलत रास्ते पर होती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ मुरादाबाद में भी। पुलिस की जांच मां-बेटी की साजिश सामने आ गई। युवक को दुष्कर्म के आरोप में फंसाने के लिए मां-बेटी ने साक्ष्य के तौर पर फर्जी टीसी विवेचक को सौंप दी। इसमें युवती ने खुद को नाबालिग बताया। जांच में टीसी फर्जी निकली। कुंदरकी पुलिस ने मां-बेटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
यह है पूरा मामला
भोली पत्नी मासूम अली निवासी ग्राम हाथीपुर चित्तू ने एसएसपी से शिकायत की थी। बताया था कि 27 मार्च को शकीला निवासी ग्राम हाथीपुर चित्तू थाना कुंदरकी ने पैसे के लेन-देन में हुए झगड़े में अपनी बेटी को हथियार बनाते हुए मेरे बेटे नदीम के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में नदीम को सजा दिलाने के लिए शकीला ने अपनी बेटी निशा को नाबालिग दिखाने के लिए एक स्कूल से फर्जी टीसी बनवाकर विवेचक को दे दी। टीसी पूरी तरह से फर्जी है।
जांच में सामने आई सच्चाई
एसएसपी ने मामले की जांच करवाई तो टीसी फर्जी मिली। इसके बाद ही कुंदरकी पुलिस ने गुरुवार को शकीला व उसकी बेटी निशा व शकीला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
दारोगा पर पीडि़त से बदसलूकी करने का आरोप सिद्ध
पीडि़त संग दुव्र्यवहार करने का आरोपित एक उपनिरीक्षक जांच में दोषी मिला है। आरोपित उपनिरीक्षक के खिलाफ विभागीय जांच कर रहे एसपी ट्रैफिक सतीश चंद्र ने कार्रवाई की संस्तुति करते हुए जांच रिपोर्ट एसएसपी को भेज दी है। आरोपित के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। करीब तीन माह पहले मझोला थाना क्षेत्र में मंडी चौकी का प्रभार एसआइ अभिषेक गुप्ता के हाथ में था। इस बीच एक पीडि़त उनके पास पहुंचा। पीडि़त ने मदद की गुहार लगाई। अभिषेक गुप्ता व पीडि़त के बीच बातचीत अचानक बिगड़ गई। आरोप है कि बातचीत के दौरान उपनिरीक्षक ने न सिर्फ मदद करने से हाथ खड़े कर दिए, बल्कि कहा कि अब एसएसपी ही मदद करेंगे। उपनिरीक्षक के बर्ताव से हताश पीडि़त ने आपबीती बताते हुए एसएसपी से गुहार लगाई। उपनिरीक्षक की आपत्ति जनक बर्ताव को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी अमित पाठक ने विभागीय जांच का आदेश दिया है। जांच एसपी ट्रैफिक को सौंपी गई। एसपी ट्रैफिक ने जांच में उपनिरीक्षक को प्रथमदृष्टया दोषी माना है। इस बावत एसपी ट्रैफिक ने कहा कि जांच रिपोर्ट भेज दी गई है।