Nirbhaya Case : मार्निंग वाकर्स बोले-दोषियों को फांसी मिलने पर दिल को मिला सुकून Moradabad News
निर्भया मामले की संजीदगी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सुबह-सुबह जब लोग टहलने पहुंचे तो हर कोई निर्भया घटना से जुड़े पहलुओं से अपडेट नजर आया।
मुरादाबाद, जेएनएन। रोज की तरह शुक्रवार को भी सड़कों और पार्कों में मार्निंग वाकर्स कदमताल करते दिखे। हर दिन की तरह अलग दिखा तो जुबां पर चर्चा। हर किसी की जुबां पर निर्भया को इंसाफ मिलने की चर्चा थी।
वाक के साथ-साथ महिलाएं और पुरूष जहां निर्भया के दोषियों को सजा मिलने की चर्चा करते रहे, वहीं मोबाइल पर भी मामले से जुड़ी पल-पल की अपडेट लेते नजर आए। मामले की संजीदगी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सुबह-सुबह जब लोग टहलने पहुंचे तो हर कोई निर्भया घटना से जुड़े पहलुओं से अपडेट नजर आया। शहर के कंपनी बाग पार्क में वाक करने आई सोनम ने कहा कि चारों दोषियों को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी मिलने की जानकारी थी। लिहाजा सुबह पांच बजे ही उठ गई। टीवी खोल पल-पल की अपडेट लेती रही, जैसे ही खबर मिली कि निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया है तब जाकर दिल को सुकुन मिला।
ऐसा करने वाले हजार बार सोचेंगे...
बीना कहती हैं कि इंसान को डर होना चाहिए कि वह जो कर रहा है वह सही है कि नहीं। निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा मिलने से ऐसा करने वाले एक बार नहीं हजार बार सोचेंगे। महिलाओं में सुरक्षा का माहौल व्याप्त होगा। लाल मस्जिद पार्क में वाक कर रहे परवीन ने कहा कि आज का दिन न्याय के लिए याद रखा जाएगा।
निर्भया केस एक काला दिन था। आज की सुबह ने उस काले दिन के धब्बों को साफ जरूर किया है। चारों दोषियों ने आज का सूरज नहीं देखा।
जयपाल सिंह, चंद्र नगर
आज सिर्फ निर्भया को ही नहीं, हम सभी को इंसाफ मिला है। इस सजा से अब ऐसा घिनौना कृत्य करने वाले लोगों में भय व्याप्त होगा।
परवीन, लाल मस्जिद
सात साल बाद दोषियों को फांसी हुई है। इस घटना का नाम आते ही वह काला दिन जहन में ताजा हो जाता है। निर्भया को श्रद्धांजलि।
मधु सक्सेना, नवीन नगर
ऐसा करने वालों के लिए ऐसी ही सजा होनी चाहिए। निर्भया कांड के दोषियों को देर से ही सही, पर जो सजा उन्हें मिलनी चाहिए थी, वही मिली। आगे ऐसा घिनौना कृत्य कोई करें तो उसे भी यहीं सजा मिलनी चाहिए।
गुरप्रीत, कंपनी बाग
निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा मिलने पर आज पूरा देश खुश है। हर किसी को इस दिन का इंतजार था, जो आज पूरा हुआ।
प्रदीप सक्सेना, नवीन नगर
सजा अन्य लोगों के लिए सबक है। महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को इससे सीख लेनी चाहिए। सजा नजीर पेश करेगा।
प्रीति
काफी दिनों से इंतजार था कि निर्भयों के दोषियों को फांसी मिले, आज वह दिन आ गया। फांसी मिलने से लड़कियों में आत्मविश्वास जगा है।
सोनम
समाज में बेटियां खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। ऐसे हालात में दोषियों को फांसी होना उनमें सुरक्षा की भावना को और प्रबल करता है।
संतोष