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शासनादेश की उड़ाई थी धज्जिया, संपत्ति अधिकारी पर गिरेगी गाज

मुरादाबाद। अफसरों ने अपने हितों को साधने के लिए शासनादेश की धज्जिया उड़ाकर रख दीं। शासन

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 05:59 AM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 05:59 AM (IST)
शासनादेश की उड़ाई थी धज्जिया, संपत्ति अधिकारी पर गिरेगी गाज
शासनादेश की उड़ाई थी धज्जिया, संपत्ति अधिकारी पर गिरेगी गाज

मुरादाबाद। अफसरों ने अपने हितों को साधने के लिए शासनादेश की धज्जिया उड़ाकर रख दीं। शासन के जो नियम आम आदमी की समस्या का समाधान करने के लिए बनाए गए थे। उन्हीं नियमों की आड़ लेकर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है। ऐसे ही एक मामले में प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने जाच समिति का गठन कर रिपोर्ट मागी थी। सोमवार को रिपोर्ट मिलने के बाद उपाध्यक्ष ने एमडीए की तत्कालीन संपत्ति अधिकारी के साथ ही पटल में तैनात रहे बाबुओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सभी को कार्रवाई का नोटिस जारी करते हुए जवाब मागा है। जवाब मिलने के बाद कार्रवाई होगी।

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साल 2014 में किया था समायोजन

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में साल 2014 में सोनकपुर योजना की 1422 वर्ग मीटर जमीन का समायोजन रामगंगा विहार, हिमगिरी और आशियाना कॉलोनी में किया गया था। इन तीन कॉलोनी में समायोजन करते समय अफसरों ने इस बात का भी ध्यान नहीं दिया कि जिस जमीन पर वह समायोजन की प्रक्त्रिया को अंजाम दे रहे हैं। वहा के सर्किल रेट सबसे अधिक हैं। शासनादेश के अनुसार समान सर्किल रेट की जमीन पर समायोजन की कार्रवाई की जाती है। इस बात को दरकिनार करते हुए तत्कालीन अफसरों और बाबुओं ने स्वहित में जमीन का समायोजन कर घोटाले को अंजाम दिया था। एमडीए के तत्कालीन अफसरों की इस कार्रवाई से प्राधिकरण को 47.27 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। जल्दबाजी में अफसरों ने समायोजन की कार्रवाई करते हुए रजिस्ट्री की प्रक्त्रिया भी पूरी कर दी थी, लेकिन जब कब्जा प्रमाण पत्र के लिए भू-धारक ने कार्रवाई तेज की तो प्राधिकरण अफसरों की पकड़ में पूरा मामला आ गया है। इसके बाद उपाध्यक्ष कनक लता त्रिपाठी ने सचिव की अध्यक्षता में जाच समिति का गठन कर तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा था।

समिति ने ठहराया दोषी

सोमवार को समिति ने उपाध्यक्ष को सौंपी जाच रिपोर्ट में पूरी प्रक्त्रिया को दोषपूर्ण ठहराते में संपत्ति अधिकारी के साथ ही तत्कालीन बाबुओं को आरोपी ठहराया है। जाच रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए एमडीए उपाध्यक्ष ने तीन बिंदुओं पर आदेश जारी करते हुए तत्कालीन संपत्ति अधिकारी और बाबुओं को आरोप पत्र जारी करते हुए आगे की कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। वहीं समायोजित की गई जमीनों की कब्जा कार्रवाई रोकते हुए मामले को कोर्ट के माध्यम से रजिस्ट्री को रद कराने के आदेश दिए हैं।

दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

नियम विरुद्ध किये गए समायोजन की जाच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट के माध्यम से रजिस्ट्री की कार्रवाई को निरस्त कराया जाएगा। नोटिस का जवाब मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-कनक लता त्रिपाठी,उपाध्यक्ष,एमडीए


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