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कोरोना की बूस्टर डोज लगवाने से क्यों कतरा रहें हैं लोग, पढ़ें क्या है इसकी प्रमुख वजह

Corona Booster Dose सरकारी व्यवस्था के कारण कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता खुराक के टीके लगवाने से अब लोग बचना शुरू कर दिया है। प्राइवेट अस्पताल में कोवैक्सीन के टीके तक नहीं हैं। जिसके चलते लोग सतर्कता खुराक के टीके नहीं लगवा पा रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 12:19 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 12:19 PM (IST)
कोरोना की बूस्टर डोज लगवाने से क्यों कतरा रहें हैं लोग, पढ़ें क्या है इसकी प्रमुख वजह
Corona Booster Dose : व्यवस्था न होने से सतर्कता खुराक का टीका लगवाने से बच रहे हैं लोग

मुरादाबाद, जेएनएन। Corona Booster Dose : सरकारी व्यवस्था के कारण कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता खुराक के टीके लगवाने से अब लोग बचना शुरू कर दिया है। प्राइवेट अस्पताल में कोवैक्सीन के टीके तक नहीं हैं। जिसके चलते काफी कम संख्या में लोग सतर्कता खुराक के टीके नहीं लगवा पा रहे हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पहले कोवैक्सीन बाद में कोविशील्ड नामक टीके बाजार में आए थे। दोनों के टीके अभी प्रथम व द्वितीय खुराक सरकारी अस्पतालों में निश्शुल्क लगाया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में टीके सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक लगाया जाता है।

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जिस व्यक्ति को जिस समय मौका मिलता है, वह टीका लगवा लेता है। मुरादाबाद जिले में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 23 लाख आठ हजार 490 लोगों ने प्रथम खुराक और 18 लाख 27 हजार 340 द्वितीय खुराक के टीके लगवा चुके हैं। अब छोटे बच्चों को टीके लगाया जा रहा है। टीकाकरण के कारण अब लोगों कोरोना का प्रभाव कम हुआ है। सरकार ने नौ माह के बाद तीसरी टीके के रूप में सतर्कता खुराक के टीके लगाने के आदेश दिए हैंं। सरकारी अस्पताल में कोरोना सेवक, चिकित्सक व 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को निश्शुल्क सतर्कता खुराक के टीके लगाए जा रहे हैं।

18 से 59 वर्ष के लोगों को सतर्कता खुराक के टीके प्राइवेट अस्पताल में लगाने की व्यवस्था है। इसके लिए टीके लगवाने वालों को 385 रुपये खर्च करना पड़ता है। सतर्कता खुराक के टीके के लिए जिले में एक प्राइवेट अस्पताल नामित है। लेकिन, अस्पताल में कोवैक्सीन के टीके तक नहीं हैं। प्राइवेट अस्पताल में दोपहर दो बजे के बाद टीके लगवाने के लिए काफी इंतजार करना होता है, कोई बार तो लोगों को बिना टीके लगवाए ही वापस जाना पड़ता है।

प्राइवेट अस्पताल में वर्तमान में कोविशील्ड के टीके लगए जा रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल संचालक ने कोवैक्सीन की आपूर्ति के लिए कंपनी को पत्र भेजा है, लेकिन अभी तक टीके नहीं भेजा है। जिसकी सूचना सीएमओ को भी दिया हैं। इसके कारण पांच हजार से भी कम 18 से 59 वर्ष के लोगों ने सतर्कता खुराक के टीके लगवाए हैं।

कोरोना टीकाकरण के नोड्ल अधिकारी डा. दीपक वर्मा कहते हैं कि कई प्राइवेट अस्पताल संचालकों को सतर्कता खुराक के टीके लगाने के लिए पंजीयन कराने का अनुरोध कर चुके हैं, केवल एक ही अस्पताल अभी तक पंजीयन कराया है। टीका बनाने वाली कंपनी को प्राइवेट अस्पताल में कोवैक्सीन टीके की आपूर्ति के लिए पत्र भेजा है। इसी कारण से सतर्कता खुराक के टीके लगवाने वालों की संख्या कम है।


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