Moradabad Sugar Mills News : चीनी मिलें 14 दिन के अंदर करें किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान
Moradabad Sugar Mills News चीनी मिल गोदामों में डिजिटल लाकर स्थापित कर गोदामों को दो किलोमीटर की परिधि में स्थापित करें। कृषकों के घोषणा पत्र आनलाइन जमा कराने के लिए उन्हें प्रेरित किए जाने का काम होना चाहिए।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Moradabad Sugar Mills News : डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि गन्ना भुगतान में किसी भी स्तर से लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जिले की सभी चीनी मिलें किसानों के गन्ने का 14 दिन के अंदर भुगतान करें। भुगतान में देरी होने पर शासन को रिपोर्ट भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य एवं विकास अंशदान के भुगतान के साथ चीनी मिल गोदामों में डिजिटल लाकर स्थापित कर गोदामों को दो किलोमीटर की परिधि में स्थापित करें। कृषकों के घोषणा पत्र आनलाइन जमा कराने के लिए उन्हें प्रेरित किए जाने का काम होना चाहिए।
जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि जनपद की चीनी मिल बिलारी, बेलवाड़ा, रानीनांगल एवं अगवानपुर द्वारा पेराई सत्र 2021-22 में समय से चीनी मिलों का संचालन किया है। डीएम ने कहा कि चीनी मिलें गन्ना मूल्य विकास अंशदान का समय से भुगतान करें। बैंकों में आवेदित की गई कैश क्रेडिट लिमिट तथा बैंकों द्वारा स्वीकृत की सीसीएल पर चर्चा हुई। जिला गन्ना अधिकारी ने कहा कि चीनी मिल बिलारी ने 460.89 लाख रुपये एवं रानीनांगल ने 1424.96 लाख रुपये का भुगतान करते हुए गन्ना नियमों का पालन किया है। 14 दिन के अन्दर ई-भुगतान करना प्रारंभ कर दिया है। जिलाधिकारी द्वारा चीनी मिलों को समय के अंतर्गत गन्ना मूल्य एवं विकास अंशदान भुगतान किए जाने के साथ-साथ चीनी मिलों को गोदामों में डिजिटल लाकर स्थापित किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी ने चीनी मिलों से स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई चीनी मिल दो किलोमीटर की परिधि से बाहर गोदामों में चीनी का भंडारण करती है तो जिला गन्ना अधिकारी मुरादाबाद के माध्यम से आयुक्त गन्ना एवं चीनी उत्तर प्रदेश लखनऊ से अनुमति प्राप्त करें। इस दौरान जिला गन्ना अधिकारी ने डा. अजय कुमार ने बताया कि 30 नवंबर तक शत प्रतिशत कृषकों के घोषणा पत्र आनलाइन जमा कराया जाना अनिवार्य है। इसके बाद गन्ना सट्टा बंद कर दिया जाएगा। डीएम ने चीनी मिलों को निर्देशित किया कि निर्धारित तिथि तक घोषणा पत्र आनलाइन जमा कराएं। किसी कृषक का सट्टा बंद होने की नौबत ही नहीं आनी चाहिए।