Moradabad में बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का हुआ दहन, चारों ओर गूंजा जय श्रीराम
Moradabad Ravana Dahan 2022 रघुवंश सांस्कृतिक परिवार की ओर से मुरादाबाद के दीनदयाल नगर में चल रामलीला में बुधवार को कुंभकरण वध मेघनाथ वध और रावण वध के प्रसंग का मंच हुआ। युद्ध क्षेत्र में कुम्भकरण के आने से वानर सेना में हाहाकार मच गया।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Moradabad Ravana Dahan 2022 : रघुवंश सांस्कृतिक परिवार की ओर से मुरादाबाद के दीनदयाल नगर में चल रामलीला में बुधवार को कुंभकरण वध, मेघनाथ वध और रावण वध के प्रसंग का मंच हुआ। युद्ध क्षेत्र में कुम्भकरण के आने से वानर सेना में हाहाकार मच गया। तब प्रभु के बाणों ने क्षण मात्र में भयानक राक्षसों को काटकर रख दिया। श्रीराम ने धनुष को खींचकर सौ बाण संधान किए।
कुंभकरण क्रोध में दौड़ा
बाण छूटे और उसके शरीर में समा गए। बाणों के लगते ही कुंभकरण क्रोध में भरकर दौड़ा। उसके दौड़ने से पृथ्वी हिलने लगी। पर वह प्रभु श्रीराम तक पहुंचने से पूर्व ही धरती पर गिरा तो ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। कुम्भकरण के मरने का समाचार सुनकर रावण अधीर हो उठा।
लक्ष्मण से मेघनाद का सामना
उसने मेघनाद को पुनः युद्ध क्षेत्र में भेजा जहां उसका सामना लक्ष्मण से हुआ। पर इस बार लक्ष्मण ने मेघनाथ का वध कर दिया। मेघनाथ के वध का समाचार सुन रावण स्वयं युद्ध करने निकल पड़ा। राम और रावण के बीच भीषण युद्ध हुआ।
डोली भूमि गिरत दसकंधर। छुभित सिंधु सरि दिग्गज भूधर॥ धरनि परेउ द्वौ खंड बढ़ाई। चापि भालु मर्कट समुदाई।।
रावण की मृत्यु के बाद उसका तेज प्रभु के मुख में समा गया। ब्रह्माण्ड में श्रीराम जय-जय की ध्वनि गूंजने लगी। इसके बाद रावण दहन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। शिशिर गुप्ता, डा. संजीव राजन, सुरेंद्र प्रकाश गुप्ता, पीयूष गुप्ता, निर्वेश भटनागर, सुनील गुप्ता, अरविंद गुप्ता, प्रेमनाथ, उपदेश अग्रवाल, संजय धवन, आनंद सिंह आदि का सहयोग रहा।
रावण का वध कर श्रीराम ने किया धर्म का राज्य स्थापित
श्रीराम कथा मंचन समिति लाजपत नगर की रामलीला में रावण वध का मंचन किया। स्वामी घनश्याम भारद्वाज के निर्देशन में ब्रजलोक लीला संस्थान वृंदावन के कलाकारों ने दिखाया कि रावण मरने के बाद बार-बार जीवित हो उठता है, तब विभीषण ने राम को बताया कि रावण की नाभि में अमृत है।
राम के अग्निबाण से रावण का अंत
तब राम अग्नि बाण का प्रयोग कर रावण का अंत करते हैं। इसके बाद एमएच कालेज में रावण के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी हेमंत कुटियाल, मेयर विनोद अग्रवाल, महेश चंद्र अग्रवाल, विनोद सक्सेना, मुकुल बंसल, श्याम कृष्ण रस्तोगी, विवेक शर्मा, राजेंद्र अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
मेघनाथ का सिर गोद में रख सती हुईं सुलोचना
प्राचीन श्री रामलीला कमेटी पुराना दसवां घाट रामलीला में मेघनाथ वध व सुलोचना सती का मंचन किया गया। सुलोचना के सती होने का दृश्य देख लीला प्रेमी भावविभोर हो गए और उनकी आंखें नम हो गईं। लंका की युद्ध भूमि में भगवान श्रीराम व रावण की सेनाओं में युद्ध हुआ। लक्ष्मण व मेघनाद के बीच भीषण युद्ध आरंभ हुआ।
मेघनाद के वध से रावण को आया गुस्सा
युद्ध के दौरान लक्ष्मण ने मेघनाद का वध कर दिया। मेघनाद की मौत की खबर सुनते ही रावण का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उसने राम को ललकारा। उधर, मेघनाद की पत्नी सुलोचना विलाप करने लगी। कुछ समय के बाद पति मेघनाद के शीश को गोद में रखकर सुलोचना अग्नि में बैठकर सती हो गई।
मेघनाद वध के बाद रावण युद्ध के लिये अहिरावण को भेजता है और युद्ध में वह भी मारा जाता है। यथार्य किशोर, छत्रपाल सैनी, धर्मेन्द्र यादव, आदित्यवीर शास्त्री, इंद्रजीत शर्मा राजेश बाल्मीकि रामकिशोर प्रजापति आदि का सहयोग रहा।