ध्रुव के मिलने के बाद सवालों के जवाब तलाशने में जुटी मुरादाबाद पुलिस
फाइनेंस कंपनी कर्मी के बेटे के अपहरण के बाद 30 लाख की फिरौती की मांग की जा रही थी। अब मासूम के मिलने के बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदल दी है।
मुरादाबाद, जेएनएन। थाना मझोला क्षेत्र के लाइनपार रामलीला ग्राउंड के पास में रहने वाले श्रीराम फाइनेंस कंपनी के कलेक्शन एजेंट गौरव कुमार का पांच साल के मासूम धु्रव घर से टॉफी लेने के लिए गया था। अपहरण के बाद गौरव के मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए काल करके अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। हालांकि शनिवार को बच्चा एक बस में लावारिस हालत में मिल गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
संपत्ति विवाद से तो नहीं जुड़े अपहरण के तार
शुक्रवार की शाम से ध्रुव की तलाश में पुलिस की टीमें लगी हुई थी। फिलहाल पुलिस ध्रुव के अपहरण को संपत्ति विवाद से ही जोड़कर देख रही है। उसकी मां शिखा ने भी पुलिस को दिए बयान में यही संदेह जताया है। शिखा का कहना है कि संपत्ति को लेकर हमारा कुछ लोगों से विवाद चल रहा है। इसके अलावा अन्य किसी से उनकी दुश्मनी नहीं है। यह भी देखा जा रहा है कि ध्रुव के पिता गौरव जिस मकान में रहते हैं। वह किन हालत में उन्हेंं ननिहाल से मिला है। ननिहाल में उस मकान का दावेदार कौन था।
रातभर रहा फोन आने का इंतजार
बेटे के अपहरण के बाद से गौरव और उनकी पत्नी बेहद परेशान हैं। उसकी सलामती के लिए स्वजन दुआएं कर रहे हैं। पुलिस के आला अधिकारी भी ध्रुव की सकुशल बरामदगी के लिए दिन भर प्रयास करते रहे। टीमों को फोन पर ही मार्गदर्शन दिया। रातभर अपहरणकर्ताओं के फोन आने का इंतजार होता रहा। लेकिन, देर रात तक कोई कॉल नहीं आई।
हालात बता रहे घर से दूर नहीं गया ध्रुव
घटना स्थल पर गौर करें तो रामलीला मैदान की चहारदीवारी से सटा रिहायशी क्षेत्र काफी घना है। वहां से बच्चे का दिनदहाड़े अपहरण होने की घटना किसी के गले के नीचे नहीं उतर रही। ऐसे में माना जा रहा है बच्चे को लालच देकर अगवा किया गया है। ध्रुव को अपने साथ ले जाने में वह लोग शामिल हो सकते हैं, जो पहले से ही बच्चे से घुले मिले हों। इसके अलावा पुलिस यह भी मान रही है कि अपहृत बच्चे को दूर तक ले जाना अपहर्ताओं के लिए मुमकिन नहीं है। पुलिस ने घटना स्थल के इर्दगिर्द डेरा डाल दिया है।