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Moradabad Panchayat Election 2021 : प्रत्‍याश‍ियों ने बदला प्रचार का तरीका, गांवों में न‍िकाली जा रहीं रैल‍ियां

गांवों में प्रचार वाहन विकास के वायदे करते घूम रहे हैं। कोई सड़कें चमन कराने का वादा कर रहा है। किसी को बेटियों की चिंता नजर आ रही है। कई प्रत्याशी विधवा पेशन और गरीबों को घर दिलाने का वायदा भी कर रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 08:39 AM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 08:39 AM (IST)
Moradabad Panchayat Election 2021 : प्रत्‍याश‍ियों ने बदला प्रचार का तरीका, गांवों में न‍िकाली जा रहीं रैल‍ियां
ठेकेदार अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थे।

मुरादाबाद, जेएनएन। पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के प्रचार करने का तरीका बदला है। इस छोटे चुनाव को भी प्रत्याशी विधानसभा चुनाव की तरह लड़ रहे हैं। कुंदरकी ब्लाक के लालपुर बस्तौर गांव में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। प्रधान पद का प्रत्याशी अपनी जीप के बोनट पर बैठकर रैली निकाल रहा था। पुलिस के पहुंचने पर समर्थक भाग गए। दो लोगों को पुलिस थाने ले गई। प्रत्याशी समेत दोनों के खिलाफ कार्रवाई कर दी।

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प्रत्याशी का नाम है जिलेदार ठेकेदार। प्रत्‍याशी ने अचानक अपने समर्थन में रैली निकालने का प्रोग्राम बना लिया। किसी से परमीशन भी नहीं ली। कोविड के नियमों का उल्लंघन करते हुए जीप के बोनट पर बैठ गए। नारेबाजी शुरू हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो समर्थक भाग खड़े हुए। पुलिस ने जीप का चालान करके प्रत्याशी समेत दो के खिलाफ कार्रवाई कर दी। इसके बाद भी ठेकेदार अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थे। कहने लगे खेतों से होकर रैली निकाली है। इसमें क्या हो गया। यही हाल और भी कई गांवों का है। कई गांवों में देर रात तक चौपालों पर भीड़ रहती है। प्रचार के दौरान खूब नाश्ते हो रहे हैं। गांवों में प्रचार वाहन विकास के वायदे करते घूम रहे हैं। कोई सड़कें चमन कराने का वादा कर रहा है। किसी को बेटियों की चिंता नजर आ रही है। कई प्रत्याशी विधवा पेशन और गरीबों को घर दिलाने का वायदा भी कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर ग्रामीण जरा भी संजीदा नहीं है। शारीरिक दूरी बनाने का पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में गांव तक भी कोरोना महामारी फैलाने में पंचायत चुनाव की अहम भूमिका हो सकती है। हालांकि अभी फिर भी गांव में ज्यादा संक्रमण नहीं फैला है। यदि एहतियात नहीं बरती गई तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे।

दूधियों से बना रहे हैं दूरी

कोरोना की खौफ की वजह से ग्रामीणों ने शहर आने-जाने वाले लोगों से दूरियां बनानी शुरू कर दी हैं। दूधियों से सबसे अधिक दूरी बनाकर रह रहे हैं। इसके अलावा शहरों में नौकरी करने जाने वाले लोगों से भी ग्रामीण दूरी बनाकर बात कर रहे हैं। इसके पीछे वजह कोरोना से बचाव है। दूधियों से ग्रामीणों ने परिवार के लोगों को भी अलर्ट रहने को कहा है। ताकि किसी को कोरोना न हो। दूधियों का रोजाना गांव से शहर आना होता है। वह दूध बेचने के लिए शहर के तमाम घरों में पहुंचते हैं। ऐसे में उनसे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। इसलिए ग्रामीणों ने दूधियों से दूरी बनानी शुरू की है।


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