मुरादाबाद के अधिकारी दे रहे शासनादेश का हवाला, प्राइवेट स्कूल कर रहे मनमानी
Moradabad Private School 15 जुलाई को एक शासनादेश सामने आया था। इसमें कहा गया था कि कोई भी स्कूल फीस जमा न हाेने पर छात्र को न तो ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करेगा और न ही उसका नाम काटेगा लेकिन जिले के स्कूल मनमानी पर आमादा हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना काल में अभिभावकों को राहत देने के लिए आए शासनादेश ही अब उनको चिढा रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि, अधिकारी इन शासनादेशों को लेकर शिथिल रवैया अपना रहे हैं। वहीं स्कूल अपनी मनमानी पर अमादा हैं। जब, स्कूलों की मनमानी की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर हो रही है तो उसके जवाब में अधिकारी शासनादेश का पालन करवाया जा रहा है, इतना लिखकर शिकायत का निस्तारण कर रहे हैं। इससे आहत मुरादाबाद का अभिभावक संघ कोर्ट जाने की तैयारी कर चुका है।
दरअसल, 15 जुलाई को एक शासनादेश सामने आया था। इसमें साफ था कि कोई भी स्कूल फीस जमा न हाेने पर छात्र को न तो ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करेगा और न ही उसका नाम काटेगा। लेकिन, कुछ ही महीनों बाद कई मामले ऐसे सामने आए जहां पर फीस जमा न होने पर बच्चों के नाम काट दिए गए। इसकी शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक से की गई तो उन्होंने एक नोटिस जारी कर मामले को रफा-दफा कर दिया। लेकिन, स्कूलों की ओर से लगातार जारी मनमानी की शिकायत जब मुख्यमंत्री पोर्टल पर हुई तो वहां से आई शिकायत में अधिकारियों ने यह लिखकर भेज दिया कि स्कूल को शासनादेश के बारे में अवगत करा दिया गया है। इसके बाद शिकायत का निस्तारण भी कर दिया गया। लेकिन, अधिकारियों के इस तरह के रवैये का आलम यह है कि अब स्कूल खुलकर छात्रों को परीक्षा से वंचित करने की चेतावनी दे रहे हैं।