मुरादाबाद के सांसद डाॅ. एसटी हसन बोले-तीन बच्चों के लिए बनना चाहिए कानून, मुसलमान भी फेमिली प्लानिंग कर रहा है
समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद के सांसद डाॅ. एसटी हसन जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन उन्होंने चुनाव से ठीक पहले सरकार के इस कदम पर सवाल खड़े करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद के सांसद डाॅ. एसटी हसन जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन, उन्होंने चुनाव से ठीक पहले सरकार के इस कदम पर सवाल खड़े करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सांसद का आराेप है कि भाजपा ध्रुवीकरण के लिए इसी तरह के फंडे अपनाती है। उनके नेताओं में विकास के नाम पर वोट मांगने की हिम्मत नहीं है।
एक समाचार चैनल पर डिबेट में उन्होंने कहा कि सरकार साढ़े चार साल से कहां थी। विधानसभा चुनाव से पहले ही दो बच्चों पर कानून बनाने का शगूफा वोटरों को बांटने के लिए छोड़ा गया है। देश की फासिस्ट ताकतों ने 70 हिंदू भाइयों में यह डर बैठा रखा है कि धर्म खतरे में है। मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। यह कहकर डराया जाता है। जबकि बढ़ती जनसंख्या का संबंध किसी धर्म से नहीं है। जनसंख्या बढ़ने का संबंध अशिक्षा और गरीबी से है। सभी धर्मों के अशिक्षित लोगों में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। हमारा देश की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इनमें से खेतों में काम करने वाले कुछ लोगों की सोच है कि जितने बच्चे होंगे उतना ही अच्छा होगा। उन्हें काम करने के लिए मजदूरों की जरूरत नहीं होती है। खेतों में काम करने के अलावा मंडियों को भी फसल ले जाना आसान रहता है। मजदूरी करके भी लाते हैं तो परिवार ठीक से चलता है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या पर नियंत्रण होना चाहिए। लेकिन, इस पर सियासत नहीं हो। जिस तरह यह दो बच्चों की बात कर रहे हैं, ऐसे तो हमारा देश भी चीन की तरह बूढ़ा हो जाएगा। लेकिन, दो के स्थान पर तीन बच्चों की पालिसी क्यों नहीं हो सकती है। क्योंकि इससे मुस्लिमों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। नौकरियों में मुसलमान दो से चार फीसद ही हैं, बाकी नौकरियों में तो हमारे हिंदू भाई ही हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि समुदायों का संतुलन न बिगड़ जाए इसलिए जनसंख्या कानून लाया जाना जरूरी है। उनका यह बयान सियासी नहीं तो क्या है। कानून आना चाहिए। लेकिन, दो के बजाय तीन बच्चों के लिए हो। मुसलमान फैमिली प्लानिंग कर रहा है। यह भी सच है, हम सभी लोग धार्मिक हैं, जिसे दुनिया में ईश्वर को लाना है, उसे कोई नहीं रोक सकता है। महिलाओं के गर्भपात नहीं होने चाहिए। माताओं के पेट में बच्चों को नहीं मारा जाए। इसे अपराध की श्रेणी से बाहर रखें।
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