मुरादाबाद के कुशांक हत्याकांड में सर्विलांस टीम से भी पुलिस के हाथ नहीं लगा सुराग, अब बदली अपनी स्ट्रेटजी
Moradabad Kushank Murder Case स्पोर्ट्स कारोबारी कुशांक गुप्ता हत्याकांड क गुत्थी अभी तक पुलिस सुलझा नहीं पाई है। कोई खास सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। जांच पूरी तरह से सर्विलांस पर टिकी है। हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस की पांच टीमें जांच कर रही हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Kushank Murder Case : स्पोर्ट्स कारोबारी कुशांक गुप्ता हत्याकांड क गुत्थी अभी तक पुलिस सुलझा नहीं पाई है। बीते दो सप्ताह से पुलिस कातिलों की पहचान करने में जुटी है, लेकिन कोई खास सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस की जांच पूरी तरह से सर्विलांस पर टिकी है। हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस की पांच टीमें जांच कर रही हैं। सर्विलांस टीम ने अभी तक नौ सौ से अधिक मोबाइल नंबरों के काल रिकार्ड के साथ ही लोकेशन भी तलाश की है।
पुलिस की टीमें मुरादाबाद के साथ ही बिजनौर, हापुड़, अमरोहा, बुलंदशहर में जाकर छापेमारी की हैं। कातिलों की शिनाख्त नहीं हो सकी। एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि जांच के दायरा और बढ़ा दिया गया है। कातिल जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। जांच में जिन भी संदिग्धों के नाम सामने आए हैं, उनमें किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है। रामगंगा विहार में 12 जनवरी की शाम कारोबारी कुशांक गुप्ता की बाइक सवार बदमाशों ने सिर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक के पिता अशोक गुप्ता की तहरीर के आधार पर प्रियांशु गोयल और हिमांशु गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया है।
दोनों आरोपितों के स्वजन ने घटना के समय घर पर मौजूद रहने के साक्ष्य पुलिस को दिखाए थे। पुलिस और एसओजी की टीम बीते दो सप्ताह से इस हत्याकांड के तार तलाश करने में जुटी है, लेकिन अभी तक कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला, जिससे साजिशकर्ता के साथ ही गोली मारने वाले शूटरों की पहचान हो सके। पुलिस को जो सीसीटीवी के फुटेज मिले हैं, उनसे भी कातिल का चेहरा स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। जांच में जुटी सर्विलांस की टीम नौ सौ से अधिक नंबरों की जांच करने के साथ ही घटनास्थल पर जो मोबाइल नंबर सक्रिय थे, उनके घरों पर पहुंचकर जांच की है। इस दौरान पुलिस की टीम अमरोहा, बिजनौर, बुलंदशहर, बरेली और हापुड़ पहुंचकर जांच की हैं।
दो महिलाएं और एक ठेकेदार भी शक के दायरे में आएः पुलिस ने प्राथमिक जांच में कुछ नेताओं और उनके करीबियों से शक के आधार पर पूछताछ की थी। अब जांच का दायरा और बढ़ गया है। मोबाइल काल रिकार्ड के आधार पर इस हत्याकांड के शक के दायरे में दो महिलाएं और एक नगर निगम के ठेकेदार का नाम भी सामने आया है। घटना के तत्काल बाद से यह लोग परिवार के आस-पास मौजूद थे। वहीं उनकी सक्रियता की वजह भी स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस इन संदिग्धों की मोबाइल काल रिकार्ड के साथ ही इनकी लोकेशन की जांच कर रही हैं। वहीं कुशांक गुप्ता की जेल से मिले तीसरे मोबाइल में भी इन लोगों के नंबर मौजूद थे। ऐसे में पुलिस शक के आधार पर इन संदिग्धों से भी जल्द पूछताछ कर सकती है।
डीआइजी ने जल्द पर्दाफाश के दिए निर्देशः कुशांक गुप्ता हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए डीआइजी शलभ माथुर ने भी निर्देश दिए हैं। हत्याकांड की जानकारी होने के बाद डीआइजी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही पीड़ित परिवार से मिलने के लिए गए थे। बीते दिनाें डीआइजी ने इस मामले में एसएसपी बबलू कुमार से प्रगति रिपोर्ट की जानकारी लेने के साथ ही पर्दाफाश करने के निर्देश दिए थे।