मुरादाबाद के किसानों को चार महीने बाद मिलेगा भरपूर पानी, मध्य गंगा नहर का मिलने लगेगा लाभ
Madhya Ganga Canal Phase 2 मुरादाबाद में करीब 4400 करोड़ रुपये की लागत से बनी मध्य गंगा नहर फेज-2 का ट्रायल सफलता के साथ पूरा हो गया है। 57.200 तक पानी पहुंच गया है। गजरौला माइनर में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने लगेगा।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Madhya Ganga Canal Phase 2 : मुरादाबाद में करीब 4400 करोड़ रुपये की लागत से बनी मध्य गंगा नहर फेज-2 का ट्रायल सफलता के साथ पूरा हो गया है। 57.200 तक पानी पहुंच गया है। गजरौला माइनर में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने लगेगा। लेकिन, मुरादाबाद के किसानों को पानी मिलने में अभी चार महीने का समय लग सकता है।
अमरोहा, संभल के किसानों को भी मिलेगा लाभ
अमरोहा, संभल और मुरादाबाद जिलों में फसल सिंचाई के लिए मध्य गंगा नहर फेज-2 का निर्माण साल 2008 में शुरू किया गया था। हालांकि, नहर अब भी पूरी नहीं बन सकी है। नहर की मुख्य शाखा की लंबाई 66 किलोमीटर है, जिसमें से 57 किलोमीटर नहर की जांच के लिए आठ सितंबर को पानी छोड़ा गया था।
फरवरी 2023 से पानी मिलने की उम्मीद
सफाई के अभाव व अन्य कारणों से नहर में पानी की रफ्तार कहीं-कहीं एक किलोमीटर प्रति घंटा ही रही। कुछ दिन के लिए पानी छोड़ना बंद भी किया गया था। बिना किसी समस्या के यह ट्रायल सफल रहा। नहर में 57.200 किलोमीटर लंबाई में तक पानी पहुंच गया। लेकिन, किलोमीटर 65.800 पर रेलवे क्रासिंग की पुलिया बनाई जा रही है। इसलिए पानी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। मुरादाबाद के किसानो को फरवरी 2023 में पानी मिलने की उम्मीद है।
तैयारी में जुटे हैं अधिकारी
मध्य गंगा नहर फेज-2 बहुत बड़ी परियोजना है। यह मध्य गंगा बैराज, बिजनौर से निकली है और अमरोहा, संभल व मुरादाबाद जिलों के किसानों को फायदा पहुंचाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस परियोजना का उदघाटन कराने का विचार है। शासन स्तर के अधिकारी इसकी तैयारी में जुटे हैं।
नहर पर एक नजर
- लागत-4417 करोड़
- मुख्य नहर की लंबाई-66.200 किलोमीटर
- क्षमता-7000 क्यूसेक
- प्रस्तावित सिंचित क्षेत्रफल-146532 हेक्टेयर
- शामिल कुल गांव-1850
- कुल ब्लाक-12
- डार्कजोन वाले ब्लाक-11
- लाभान्वित किसान-4.10 लाख
क्या कहते हैं अधिकारी
सिंचाई विभाग के एक्सईएन पीपी गौतम का कहना है कि मध्य गंगा नहर फेज-2 का ट्रायल सफल रहा है। अब माइनर में पानी छोड़ने की तैयारी है। माइनर का ट्रायल सफल होने के बाद पानी छोड़ना बंद कर दिया जाएगा।