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Moradabad Education News : आनलाइन पढ़ाई का बढ़ गया खर्च, फीस कम करने को राजी नहीं स्‍कूल प्रबंधन

बच्‍चों की ऑनलाइन पढ़ाई में अभिभावकों को कई तरह की व्‍यवस्‍थाएं करनी पड़ रहीं हैं लेकिन इसके बावजूद स्‍कूल प्रबंधन क‍िसी भी तरह से राहत देने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई से अभिभावकों का कई तरह का खर्च बढ़ गया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 01:36 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 01:36 PM (IST)
Moradabad Education News : आनलाइन पढ़ाई का बढ़ गया खर्च, फीस कम करने को राजी नहीं स्‍कूल प्रबंधन
आनलाइन पढ़ाई में मिलने वाला होमवर्क कराया जा रहा है।

मुरादाबाद [तेजप्रकाश सैनी]। हाय कोरोना, रोज-रोज का रोना, इंटरनेट चले न। ऐसे हालात में बच्चों की पढ़ाई आनलाइन कराना मुश्किल हो गया है। बच्चों की पढ़ाई आनलाइन कराने के लिए अब अभिभावकों को हाई स्पीड वाइफाई कनेक्शन लेना पड़ रहा है। कम से कम 700 से 1000 रुपये तक का यह खर्च और बढ़ गया है। स्थिति यह है कि आनलाइन पढ़ाई में वाइफाई का खर्च, स्कूल बंद होने की स्थिति में होम ट्यूशन का इंतजाम भी अभिभावकों को करना पड़ रहा है। इस होम ट्यूशन में स्कूल से आनलाइन पढ़ाई में मिलने वाला होमवर्क कराया जा रहा है।

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अभिभावकों के सामने यह स्थिति हो गई है। होम ट्यूशन भी 1000 से 1500 से कम नहीं हैं। इसके अलावा मम्मियों को अपना काम छोड़कर छोटे बच्चों की आनलाइन पढ़ाई करानी कर पड़ रही है। वह इस दौरान कोई काम नहीं कर सकतीं। माता-पिताओं की इन समस्याओं को न जिला प्रशासन समझ रहा और न सरकार। पब्लिक स्कूलों ने नए सत्र के लिए फीस जमा करने का दबाव अभी से बनाना शुरू कर दिया है। साल के आखिर तक 95 फीसद अभिभावकों ने फीस जमा कर दी है। पांच फीसद में वही होंगे, जिन्होंने किन्हीं कारणों से नहीं की है। इन पांच फीसद वाले बच्चों का रिपोर्ट कार्ड रोक लिया गया है।

ट्यूशन फीस के साथ चुपके से लगा रहे दूसरे चार्ज

स्कूल की फीस अलग से बिना स्कूल जाए जमा करनी पड़ रही है। कोविड काल में केवल ट्यूशन फीस ही स्कूलाें को लेने के आदेश शासन की गाइड लाइन में हैं लेकिन, पब्लिक स्कूल ट्यूशन फीस के साथ कई अन्य मदों का शुल्क वसूली को कम्पोजिट फीस बताकर वसूला जा रहा है। कक्षा के हिसाब से यह कम्पोजिट फीस तय करके ट्यूशन फीस के साथ पिछले साल भी वसूली गई और अबकी बार भी ट्यूशन फीस के साथ कम्पोजिट फीस वसूलेंगे। स्कूल बंद होने से नुकसान का रोना संचालक रो रहे हैं लेकिन, अभिभावकों के खर्च बढ़ने की ओर ध्यान नहीं है।

दो बच्चों के लिए एक मोबाइल से पढ़ाई कराना मुश्किल

घर में दो बच्चे हैं। दोनों की आनलाइन कक्षाएं अमूमन एक ही समय पर शुरू हो रहीं हैं लेकिन, मोबाइल एक है तो ऐसी स्थिति में एक बच्चे की पढ़ाई प्रभावित हो रही है या फिर दूसरा मोबाइल खरीदना पड़ रहा है। कितना भी सस्ता मोबाइल लेंगे तो पांच से छह हजार रुपये का अत‍िर‍िक्‍त खर्च करना पड़ेगा। रिचार्ज कराने में भी कम से कम 299 से 499 रुपये तक का प्लान लेना पड़ रहा है।

आनलाइन में कोई सुविधा तो स्कूल वाले दे नहीं रहे। ऐसे में आनलाइन पढ़ाई से अत‍िर‍िक्‍त खर्च बढ़े हैं तो स्कूल की फीस कम होनी चाहिए।

अरुणा शर्मा, अभिभावक

रोजाना दो से तीन घंटे की कक्षा में सामान्य तौर डाटा  कम पड़ जाता है। होम ट्यूशन भी लगवाई है। यह खर्च बढ़ा है लेकिन, सरकार फीस कम नहीं करा रही।

प्राची अग्रवाल, अभिभावक

दो बेटियां हैं, आधी फीस जमा कर दी लेकिन फिर आनलाइन कक्षा से बेटियों को नहीं जोड़ा। स्कूल वाले अभिभावकों शोषण कर रहे हैं। अभिभावकों के हित में कोई नहीं सोच रहा है।

मोअज्जम अजाजी

आनलाइन पढ़ाई के लिए डाटा व होम ट्यूशन का खर्च भी हम झेलें और स्कूलों को भी पूरी फीस दें। इसके बाद भी वह गुणवत्तापरक शिक्षक नहीं दे रहे। सरकार फीस कम कराए।

शीला अनम

प्राइमरी तक की आनलाइन पढ़ाई का औसतन खर्च

स्कूल की ट्यूशन फीस 1200 से 3000 रुपये।

स्कूल बंद होने पर होम ट्यूशन 1000 से 2000

आनलाइन पढ़ाई के लिए वाइफाई 700 से 1000 रुपये

दो बच्चे हैं एक और मोबाइल का खर्च 5000 से 6000 रुपये

नोट- वाइफाई, होम ट्यूशन व दूसरे मोबाइल का खर्च आनलाइन में बढ़ा है।


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