Moradabad Dhruv kidnapping scandal : पांच माह बाद मुख्य आरोपित को मिली जमानत, शिखा के लिए दाखिल होगी अर्जी
Moradabad Dhruv kidnapping scandal हाईकोर्ट ने अपहरण के आरोपित अशफाक को जमानत दे दी। पांच वर्षीय ध्रुव का अपहरण होने के बाद गाजियाबाद से पुलिस ने बच्चे को बरामद किया था। मुरादाबाद के इस चर्चित मामले में जांच के दौरान कई चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई थी।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Dhruv kidnapping scandal। मझोला थाना क्षेत्र में बीते साल अगस्त में फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी के पांच वर्षीय बेटे ध्रुव का अपहरण हो गया था। पुलिस ने अगले ही दिन बच्चे को गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे से बरामद कर लिया था। पुलिस ने इस मामले में बच्चे की मां और उसके प्रेमी के साथ ही वाहन चालक को जेल भेजा था। हाईकोर्ट में बच्चे के पिता ने एफिडेविट देकर पुलिस पर यह आरोप लगा दिया था कि बच्चे का अपहरण हुआ ही नहीं, बल्कि पुलिस ने जबरन मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद मुख्य आरोपित अशफाक को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।
बीते साल सात अगस्त को मझोला थाना क्षेत्र के लाइन पार निवासी गौरव कुमार के पांच वर्षीय बेटे ध्रुव का अपहरण हो गया था। सूचना मिलने के बाद ही पुलिस हरकत में आ गई थी और कई लाइनों पर काम शुरू कर दिया था। बाद में पुलिस की टीम ने गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे से ध्रुव को बरामद कर लिया था। हालांकि, जिस समय तक बच्चा नहीं मिला था, उस समय तक परिवार के लोग यही कह रहे थे कि बच्चे का अपहरण करके 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। बच्चे की बरामदगी के बाद पुलिस ने इस मामले में अपहरण किए गए बच्चे की मां शिखा और प्रेमी अशफाक के साथ ही वाहन चालक इमरान को गिरफ्तार कर पूरी घटना का पर्दाफाश कर दिया था। पुलिस ने घटना का पर्दाफाश करते हुए बताया कि बच्चे की मां ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची थी। वहीं फिरौती की रकम मिलने के बाद वह अपने प्रेमी के साथ मिलकर अलग घर बसाना चाहती थी। पुलिस ने जब तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया,तो कुछ दिनों बाद बच्चे के पिता ने इस घटनाक्रम को नया मोड़ देते हुए पुलिस पर ही आरोप लगा दिया गया था, कहा था कि उनके बेटे का अपहरण हुआ नहीं, बल्कि उसे दोस्त के साथ भेजा गया था। अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने बताया कि इसी शपथपत्र के आधार पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपित अशफाक को जमानत प्रदान कर दी है। वहीं जल्द ही आरोपित शिखा की जमानत के लिए अर्जी दाखिल की जाएगी। इस मामले में तीसरे आरोपित को पहले ही पुलिस ने चार्जशीट से नाम हटा दिया था, जिसके बाद उसे जिला स्तर की कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इस मामले में जितना बारीकी से पुलिस ने जांच रिपोर्ट और केस डायरी तैयार की थी, उसके आधार पर दावा यही किया जा रहा था कि आरोपितों को जमानत नहीं मिलेगी।