मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को संघर्ष के 21वें दिन मिली जीत, 106 कर्मी हुए बहाल
एमडीए कर्मचारी संयुक्त संगठन के अध्यक्ष संजय सत्संगी के अगुवाई में एमडीए के 110 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की बहाली के लिए 21 दिन से आंदोलन चल रहा था। उनके समर्थन में धीरे-धीरे सभी सरकारी विभागों के कर्मचारी संगठन आ गए जिससे धरने को ताकत मिली।
मुरादाबाद, जेएनएन। संघर्ष के 21वें दिन एमडीए से निष्कासित 106 कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली। बोर्ड बैठने से चार दिन पहले प्राधिकरण की उपाध्यक्ष यशु रुस्तगी ने उनकी नौकरी बहाल कर दी। 2016 के एक शासनादेश के हवाला देते हुए सभी नैसर्गिक न्याय मिला। रविवार को शुभ समाचार की जानकारी मिलते ही धरने पर बैठे बहाल कर्मियों और उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। सभी ने देशभक्ति के गीतों पर नाचकर जीत का जश्न मनाया। साथ ही धरना समेटकर उपाध्यक्ष का धन्यवाद भी जताया। हां, इस दौरान चार कर्मचारियों के हाथ मायूसी लगी है। नियमानुसार उनकी बहाली नहीं हो पाई है।
एमडीए कर्मचारी संयुक्त संगठन के अध्यक्ष संजय सत्संगी के अगुवाई में एमडीए के 110 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की बहाली के लिए 21 दिन से आंदोलन चल रहा था। उनके समर्थन में धीरे-धीरे सभी सरकारी विभागों के कर्मचारी संगठन आ गए, जिससे धरने को ताकत मिली। इस बीच मुरादाबाद कर्मचारी समन्वय समिति भी बनी, जिसने आंदोलन की अगुवाई की। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी नेता संदीप बडोला को अध्यक्ष और नगर निगम कर्मचारी संघ के नेता मुहम्मद सुबहान को समन्वय समिति के सचिव बनाया गया था। शुक्रवार को समन्वय समिति के नेताओं ने सभी विभागों से तालमेल करके आंबेडकर पार्क में कार्य बहिष्कार करके बड़ा आंदोलन कर दिया। सफाई व्यवस्था ठप कर दी गई। मंडलायुक्त से भी कर्मचारी नेताओं ने कई बार मुलाकात करके कर्मचारियों की बहाली की मांग की। लखनऊ तक भी मामला पहुंचाया।
हड़ताल की जद में सभी विभागों को आता देख मंडलायुक्त भी सक्रिय हुए। फैसला लेते हुए 28 जनवरी को बोर्ड की बैठक बुला ली लेकिन, इससे पहले ही उपाध्यक्ष ने अहम फैसला लेते हुए 106 कर्मचारियों की बहाली रविवार को ही कर दी। चार कर्मचारी नौकरी पर नहीं लौटे हैैं, जिसे लेकर उनमें आक्रोश है। आंदोलन के 21वें दिन नौकरी दोबारा मिलते ही कर्मचारी और उनके परिवार के लोग एमडीए गेट पर नाचने लगे। उन्होंने करीब आधा घंटे तक डांस करके एमडीए उपाध्यक्ष का धन्यवाद भी अदा दिया। कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संजय सत्संगी ने कहा कि कर्मचारियों की एकजुटता ने जीत दिलाई है। इसके लिए हम सभी विभागों के शुक्रगुजार रहेंगे। सोमवार को उपाध्यक्ष से मिलकर उन्हें भी धन्यवाद देंगे। देर से ही सही उन्होंने कर्मचारियों के साथ इंसाफ किया है।
शासन को पत्र लिखकर निर्देश लेगा एमडीए
एमडीए उपाध्यक्ष ने बहाली पत्र में लिखा है कि एमडीए में दैनिक वेतन कर्मचारियों की सेवा बहाली की मांग पर 24 फरवरी 2016 को जारी शासनादेश का पुन: अवलोकन किया गया। इसके अलावा विनियमितीकरण नियामावली 2016 भी देखी। शासनादेश में यथावश्यकता और विनियमितीकरण नियमावली के प्रस्तर-5 में आवश्यक लिखा है। इस दौरान यह स्पष्ट किया जाना प्रतीत होता है कि आवश्यकता का तात्पर्य संस्थान को कार्मिकों की आवश्यकता से है। मात्र विनियमितीकरण के लिए प्रशासनिक रूप से अधिसंख्यक पदों के सृजन से है। इस संबंध में एमडीए सचिव शासन को पत्र लिखकर कर्मचारियों के विनियमितीकरण में आवश्यकता के ङ्क्षबदु पर जानकारी लेंगी।
बोर्ड बैठक से पहले बहाली करके जीत ली बाजी
एमडीए उपाध्यक्ष यशु रुस्तगी ने बोर्ड की बैठक से पहले कर्मचारियों की बहाली करके बाजी जीतने का काम किया है। बोर्ड में भी यही फैसला होने की संभावना जताई जा रही थी। सियासी दलों के तीनों सदस्य कर्मचारियों के पक्ष में थे। प्रशासनिक अधिकारी भी उपाध्यक्ष के फैसले के खिलाफ कर्मचारियों की बहाली करने का मूड बनाए थे। कर्मचारियों की एकजुटता की वजह से शासन से दवाब था। ऐसे में उपाध्यक्ष ने 28 जनवरी को बुलाई गई एमडीए बोर्ड की आपातकालीन बैठक से पहले ही कर्मचारियों की बहाली करके बाजी जीत ली है। उन्हें लगा कि बोर्ड ने बहाली पर मुहर लगाई तो कर्मचारी उनकी सुनने को तैयार नहीं होंगे।
सभी कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य : एमडीए वीसी
एमडीए उपाध्यक्ष यशु रुस्तगी ने बताया कि हमारी कर्मचारियों से कोई वैचारिक लड़ाई नहीं है। सभी हमारे परिवार के सदस्य हैं। सर्दी में परिवार के लोगों के साथ आंदोलन कर रहे थे, इसलिए हमने फिर से शासनादेश का अवलोकन किया। इसके बाद रविवार को ही नैसर्गिक न्याय के ²ष्टिगत दैनिक वेतन कर्मचारियों की बहाली की गई है। 25 जनवरी 2021 से 89 दिवसों (जो भी पहले हो) तक एमडीए में 31 दिसंबर 2001 से पूर्व से कार्यरत 106 दैनिक वेतन कर्मचारियों को सेवा विस्तार दिया है। एमडीए सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जिन चार कर्मचारियों की बात की जा रही है, वे शासनादेश के दायरे से बाहर हैं। इसीलिए उनकी बहाली नहीं हुई है। उपाध्यक्ष का पत्र मिलने के बाद प्रमुख सचिव नियोजन एवं नगर विकास, उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा जाएगा। शासन से मार्गदर्शन मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी।
कर्मचारी संगठनों में खुशी, एकजुटता से ही मिली जीत
कर्मचारियों की बहाली से नगर निगम कर्मचारी संघ व उप्र सफाई कर्मचारी संघ ने एकजुटता से मिली ताकत की जीत बताया है। अभी तक धरने पर बैठे दैनिक वेतन भोगियों के परिवारों की आवाज नहीं सुनी जा रही थी। जब शहर की सफाई ठप की गई, तभी प्रशासन ने बहाली का निर्णय लिया। उप्र सफाई कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष ओमीलाल वाल्मीकि ने कहा कि निकाले गए 110 कर्मियों में 106 का बहाल होना एकजुटता का प्रतीक है। नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुहम्मद सुबहान ने कहा कि समन्वय समिति में सभी विभागों के संगठनों की आवाज रंग लाई है।