एमडीए की बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान 2031 का ड्राफ्ट पास, शहर के विकास को मिलेगी रफ्तार
एमडीए के कुछ इंजीनियर लैंडयूज बदलने को लेकर धांधली कर रहे थे। लेकिन अधिकारियों की सर्तकता के चलते उनकी मनमानी नहीं हो सकी। हालांकि फिर भी मास्टर प्लान 2031 के लैंडयूज को लेकर कुछ गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की एक हफ्ते के अंदर दोबारा से बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। इस बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान मुरादाबाद और गजरौला के ड्राफ्ट को पास किया गया। विकास कार्यों को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में शामिल किया गया है। लेकिन इसके साथ ही मास्टर प्लान 2021 में लैंडयूज का दुरुपयोग करने को लेकर मंडलायुक्त ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने जिन भी अधिकारियों के कार्यकाल में लाइनपार स्थित जमीनों का दुरुपयोग किया गया है, उन अधिकारियों के खिलाफ जांच करके कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने की बात कही।
बीते दो साल से मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2031 को लेकर कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार को मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह की अध्यक्षता में एमडीए बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। इस बोर्ड बैठक में मुरादाबाद और गजरौला के मास्टर प्लान 2031 के ड्राफ्ट को पास किया गया। ड्राफ्ट में गजरौला में बाइपास निर्माण के प्रस्ताव को सर्वसम्मति के साथ रखा गया है। इसके साथ ही मुरादाबाद में कैटल कालोनी, फिश मार्केट के साथ ही आर्टीजन बेल्ट के प्रस्ताव को मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में शामिल किया गया है। इन प्रस्तावों से शहर के विकास को रफ्तार मिलेगी। मंडलायुक्त ने बताया कि मास्टर प्लान को लेकर 357 आपत्तियां प्राप्त हुईं थीं। जिनको समय पर निस्तारण करने के लिए एमडीए अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। एमडीए उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी के नेतृत्व में समय पर आपत्तियों को दूर करने के साथ ही मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को तैयार करने के साथ ही बोर्ड बैठक में पास करने की कार्रवाई की गई।
मास्टर प्लान 2021 का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई : मंडलायुक्त ने बताया कि मास्टर प्लान 2021 में आरक्षित जमीनों को बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया है। लाइनपार इलाके में जिन जमीनों को छोड़ा गया था, वहां पर मौजूदा समय में मनमाने तरीके से आवास के साथ ही कामर्शियल उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में मास्टर प्लान 2031 में जुर्माने के साथ उनको समयोजित करने की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इसके साथ ही जिन अधिकारियों के कार्यकाल में मास्टर प्लान के तहत आरक्षित जमीनों को दुरुपयोग किया गया है,उन अधिकारियों के खिलाफ जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
मास्टर प्लान ड्राफ्ट में गड़बड़ी को लेकर मिली शिकायतें : मास्टर प्लान 2031 को तैयार करने में बीते कई माह से कुछ अधिकारी टाल-मटोल कर रहे थे। वहीं इंजीनियरों के द्वारा गड़बड़ी करने की गोपनीय शिकायतें मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह को मिली थीं। जिसके बाद मंडलायुक्त ने इन शिकायतों का संज्ञान लेने के साथ ही आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए तत्काल निर्देश दिए थे। इसके साथ उन्होंने अधिकारियाें से सख्त लहजे में कहा था कि अगर समय पर ड्राफ्ट तैयार होकर नहीं मिला तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि एमडीए के कुछ इंजीनियर लैंडयूज बदलने को लेकर धांधली कर रहे थे। लेकिन अधिकारियों की सर्तकता के चलते उनकी मनमानी नहीं हो सकी। हालांकि फिर भी मास्टर प्लान 2031 के लैंडयूज को लेकर कुछ गड़बड़ी की शिकायतें मिली है। गोपनीय जांच के बाद ऐसे अधिकारियों और इंजीनियराें के खिलाफ कार्रवाई तय करने की बात मंडलायुक्त ने कही है।