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आधुनिक जिम तैयार, फीता काटने के लिए मंत्रीजी का इंतजार Moradabad News

मुरादाबाद में स्टेडियम में काफी इंतजार के बाद आधुनिक जिम तो खुल गई लेकिन अभी इसका लाभ युवाओं को नहीं मिल पा रहा है। जिम पर ताला लटका रहता है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 07:02 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 05:45 PM (IST)
आधुनिक जिम तैयार, फीता काटने के लिए मंत्रीजी का इंतजार  Moradabad News
आधुनिक जिम तैयार, फीता काटने के लिए मंत्रीजी का इंतजार Moradabad News

मुरादाबाद (रवि सिंह रैकवार)। खिलाडिय़ों की फिटनेस सही रहे, इसलिए प्रदेश के सभी प्रमुख स्टेडियम में आधुनिक जिम खोली गई। सारा सामान भी मुख्यालय से ही भेजा गया। मुरादाबाद के सोनकपुर स्टेडियम की आधुनिक जिम पूरी तरह से तैयार है। औपचारिक उद्घाटन होना ही बाकी रह गया है। पता चला कि फीता काटने के लिए मंत्री जी का अभी तक समय नहीं मिल पाया है। वैसे तो कोई भी शुभारंभ कर सकता था लेकिन, पहले से आदेश मिले हैं कि पश्चिमी यूपी में खेल विभाग से संबंधित सभी आधुनिक जिम का उद्घाटन मंत्री केही हाथों से होना है। इसलिए खेल विभाग कोई जोखिम उठाने का तैयार नहीं है। वर्तमान की स्थिति में जिम का उपयोग सार्वजनिक रूप से बंद है। स्टेडियम में आने वाले खिलाड़ी जिम का उपयोग ही नहीं कर पा रहे हैं। जिम में प्रवेश पर पाबंदी तो है लेकिन, कुछ लोगों के लिए ताला खुला हुआ है। 

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साहब को रुला रहा प्याज

राहत इंदौरी की मशहूर गजल की लाइनें हैं ''लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी हैंÓÓ। यह बात विकास भवन में बैठे जिला उद्यान अधिकारी पर सटीक बैठ रही है। दरअसल कुछ दिन पहले जब प्याज के दामों ने आसमान छुआ तो आनन- फानन में सरकार ने मिस्र से प्याज का आयात किया। प्रदेश के सभी जिलों के उद्यान विभाग अधिकारी को मिस्र का प्याज जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली। इसी दौरान भारतीय प्याज की कीमत नीचे आ गई और लोगों का मोह मिस्र के प्याज से भंग हो गया। विभाग के अधिकारियों ने मंडल के अधिकारियों से लेकर संबंधित एजेंसी तक को इसकी सूचना दी लेकिन, कोई रेस्पांस नहीं आया। बचे प्याज के उपयोग को लेकर अधिकारी परेशान हैं। जो प्याज कुछ दिनों पहले आम आदमी को रुला रहा था वही अब अधिकारियों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।

बड़े-बड़ों को दिखाया आइना

इंसान अपनी जिद और हौसले से असंभव को संभव करके दिखा देता है। ऐसी ही मिसाल पेश कर शहर की युवा महिला फुटबॉलर विदुषी चौधरी ने बड़े-बड़ों को आइना दिखाया है। जिला फुटबॉल संघ सहित अन्य संस्थाओं ने कई बार महिला खिलाडिय़ों के लिए फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित करने का खाका तैयार किया था लेकिन, इसको जमीनी स्तर पर नहीं उतारा जा सका। पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की याद में विदुषी चौधरी शहर में पुरुष और महिला फुटबॉलरों के लिए 27 जनवरी को एक टूर्नामेंट आयोजित करने जा रहीं हैं। इस सेवन-ए-साइड टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए कई टीमों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। टूर्नामेंट का आयोजन भले की जिला फुटबॉल संघ के तत्वावधान में हो रहा है लेकिन, नेशनल फुटबॉलर विदुषी के इस भगीरथी प्रयास की हर तरफ प्रशंसा ही हो रही है।

खुद की पीठ थपथपा रहे साहब

मुरादाबाद के जूडोकाओं ने पिछले साल राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया। स्टेडियम प्रबंधन इस उपलब्धि पर फूला नहीं समा रहा लेकिन, सच्चाई यह है कि सफलता के पीछे स्टेडियम से ज्यादा योगदान बाहर के कोचों का है। जिन खिलाडिय़ों ने पदक जीता है वह स्टेडियम में कभी कभार ही अभ्यास करने आते थे। बाहर के कोच के मार्गदर्शन में इन खिलाडिय़ों ने जीत का झंडा बुलंद किया। स्टेडियम के भी कुछ खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन किया। संबंधित अधिकारियों से जब पूछा जाता है कि स्टेडियम के खिलाडिय़ों का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप क्यों नहीं है। उनका एक ही जवाब होता है कि बजट के अभाव में खिलाडिय़ों का खेल प्रभावित होगा। कुछ ऐसा ही हाल क्रिकेट का है।  बाहर अभ्यास करने वाले क्रिकेटर बेहतर परिणाम दे रहे हैं लेकिन, स्टेडियम प्रबंधन अपनी सफलता मानकर खुद की पीठ थपथपा रहा है।


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