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फौजी बना बागबा, लहलहाई बेटिया

मुरादाबाद : बेटियों को बोझ समझने वाले और उनके सपनों के बीच आड़े आने वालों के लिए ए

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 08:05 AM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 08:05 AM (IST)
फौजी बना बागबा, लहलहाई बेटिया
फौजी बना बागबा, लहलहाई बेटिया

मुरादाबाद : बेटियों को बोझ समझने वाले और उनके सपनों के बीच आड़े आने वालों के लिए एक फौजी नजीर बन गया है। फौजी ने अपनी तीनों बेटियों को पहले गुरुकुल में संस्कारित किया, इसके बाद नामी-गिरामी संस्थानों से उच्च शिक्षा दिलाई। इतना ही नहीं बेटियों की पसंद पर गैर जातियों में उनकी शादी भी कराई। फैजी के तीनों दामाद बड़े अधिकारी हैं।

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आज भी गैर जाति में बेटी या बहन की शादी का पुरजोर विरोध किया जाता है। ऑनर किलिंग की घटनाएं भी सामने आती रहती है। ऐसे में अमरोहा के देहात थानाक्षेत्र स्थित गाव रायपुर कला निवासी फौजी यशपाल सिंह ने जो कर दिखाया उससे उनकी बिरादरी ही नहीं बल्कि सभी वर्ग के लोगों को नाज है।

जाट रेजीमेंट से सुबेदार मेजर की रैंक से रिटायर हुए यशपाल की तीन बेटिया और एक बेटा हैं। उन्होंने अपनी तीनों बेटियों को पहले तो चोटीपुरा स्थित गुरुकुल कन्या महाविद्यालय में दाखिला दिलाया। यहा उन्हें हवन, यज्ञ और अनुशासन के साथ संस्कारों की शिक्षा मिली। कक्षा आठ के बाद उन्होंने तीनों बेटियों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षित किया। बेटियों को मनचाही शादी की छूट भी दी।

उनकी बड़ी बेटी श्रुतिभा गुड़गाव स्थित एक निजी बैंक में मैनेजर हैं। उन्होंने अपनी पसंद से फौज में मेजर रोहतक निवासी कृपाल सिंह से शादी की। दूसरी बेटी विभूति आइआइटी बाम्बे में स्पो‌र्ट्स अफसर हैं। उन्होंने भी अपनी पसंद से आइएफएस अधिकारी चेन्नई निवासी कोवेन्थम से शादी की। तीसरी बेटी शिप्रा एलएलएम की पढ़ाई पूरी करने के बाद पोर्ट ब्लेयर में वकालत कर रहीं हैं। उन्होंने भी अपनी इच्छानुसार भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट देहरादून निवासी जीवी सिंह से शादी की।

बच्चों को काबिल बनाना गलत फैसला नहीं : यशपाल

अमरोहा : रटायर्ड फौजी यशपाल कहते हैं कि अगर हम अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उन्हें भला-बुरा सोचने के काबिल बनाना किसी भी तरह से गलत फैसला नहीं है। बच्चों की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए शादी भी उनकी पसंद की ही करनी चाहिए।

बेटा बना लेफ्टिनेंट

अमरोहा : यशपाल ने अपने बेटे शुभेन्दु को भी उच्च शिक्षित कर काबिल बनाया। पिछले वर्ष शुभेन्दु सीडीएस में चयनित होकर लेफ्टिनेंट बने हैं। एक वर्ष की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बीते 10 मार्च को चेन्नई में हुए पासिंग आउट परेड में यशपाल ने बेटे के कंधों पर सितारे जड़े।


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