पाकिस्तान जिंदाबाद का संदेश एसएसपी के वाट्सएप पर भेजा, चाचा-भतीजा गिरफ्तार Moradabad News
एसएसपी के सीयूजी नंबर के वाट्सएप पर डाला आपत्तिजनक संदेश। दोनों आरोपित एक दूसरे पर लगा रहे थे संदेश भेजने के आरोप।
मुरादाबाद, जेएनएन। पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत में पाक का झंडा फहराने की बात करने और दूसरे धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला संदेश एसएसपी के सीयूजी नंबर के वाट्सएप पर डाल दिया गया। एसएसपी के आदेश पर आरोपित चाचा-भतीजे को गिरफ्तार कर दोनों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ
यह है पूरा मामला
एसएसपी के पीआरओ हरेंद्र सिंह ने दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सोमवार को एसएसपी के सीयूजी नंबर के वाट्सएप पर संदेश आया। उसमें एक वर्ग विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए आपत्तिजक भाषा का प्रयोग किया गया था। पाकिस्तान के समर्थन में नारे लिखे थे। भारत में पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज फहराने की बात भी की गई थी। एसएसपी ने इसे गंभीरता से लेकर प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइंस को आरोपित के खिलाफ मुकदमा लिखकर कार्रवाई के आदेश दिए। जिस नंबर से संदेश आया था, वह थाना भोजपुर के टाह मदन गांव का रहने वाला मुहम्मद रफीक अहमद के नाम पर था। पुलिस ने आरोपित की पत्नी के पास से मोबाइल बरामद कर लिया। आरोपित ने बताया कि संदेश उसके चाचा गामा ने भेजा है। पुलिस ने गामा को भी पकड़ लिया। दोनों एक-दूसरे पर संदेश भेजने का आरोप लगा रहे थे। इसलिए पुलिस ने दोनों को आरोपित बनाया।
पूर्व बीडीसी का लगा रखा था फोटो
सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक नवल मारवाह ने बताया कि दोनों के खिलाफ राष्ट्रदोह, भावनाओं को भड़काने के अलावा आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपितों ने अपने वाट्सएप की डीपी पर गांव के ही पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मुहम्मद फारुख की फोटो लगा रखी थी ताकि वह इस मामले में फंस जाए।
पूर्व बीडीसी को फंसाने की रची थी साजिश
एसएसपी के वाट्सएप पर पाकिस्तान जिंदाबाद का मैसेज डालने वाले चाचा-भतीजा ने पूर्व बीडीसी को फंसाने की साजिश रची थी। लेकिन, वह अपने ही बुने जाल में फंसकर हवालात पहुंच गए। प्रभारी निरीक्षक नवल मारवाह ने बताया कि मुहम्मद रफीक और गामा के खिलाफ राष्ट्र द्रोह भावनाओं को भड़काने के अलावा आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपितों ने अपने वाट्सएप की डीपी पर गांव के ही पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मुहम्मद फारुख की फोटो लगा रखी थी ताकि वह इस मामले में फंस जाए। लेकिन, छानबीन में खुद के बुने जाल में भी फंस गए हैैं। आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई कर दी है।
पांच साल से ज्यादा की सजा का है प्रावधान
पुलिस ने मुहम्मद रफीक और उसके चाचा के खिलाफ लिखे गए मुकदमे में पांच साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है। अधिवक्ता अंजार हुसैन ने बताया कि 153 ए के तहत राष्ट्रद्रोह के आरोपितों को तीन से पांच साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसी तरह आइपीसी की धारा 295 के तहत धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में दो वर्ष की सजा और जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा आइटी एक्ट की धारा 67 ए तहत तीन से पांच साल तक की सजा हो सकती है।