मेरठ नगर निगम की गाड़ी मुरादाबाद में अवैध रूप से उठा रही थी कूड़ा, दो पकड़े
कूड़ा उठाने के नाम पर धोखाधड़ी का गुरुवार को मामला सामने आया है। मेरठ नगर निगम में पंजीकृत गाड़ी नगर निगम मुरादाबाद का नाम लिखी दिल्ली रोड पर पकड़ी गई है। इस गाड़ी से अवैध रूप से दिल्ली रोड स्थित रायल एनक्लेव का कूड़ा उठाया जा रहा था।
मुरादाबाद, जेएनएन। कूड़ा उठाने के नाम पर धोखाधड़ी का गुरुवार को मामला सामने आया है। दिल्ली रोड पर मेरठ नगर निगम में पंजीकृत टाटा एस यूपी 15 बीटी 0057 गाड़ी नगर निगम मुरादाबाद का नाम लिखी पकड़ी गई है। इस गाड़ी से अवैध रूप से दिल्ली रोड स्थित रायल एनक्लेव का कूड़ा उठाया जा रहा था। बिना तिरपाल कूड़ा ढोते वाहन का पीछा सफाई इंस्पेक्टर हेमेंदर चौधरी ने किया। इस पर वाहन चालक व हेल्पर ने गाड़ी दौड़ा दी। फव्वारा के पास गाड़ी, चालक देहरी घाट मुरादाबाद निवासी विशाल व हेल्पर कांकड़खेड़ा, सिरसवा दोराहा निवासी राजा बाबू को पकड़ा। इस दौरान नगर निगम इंस्पेक्टर से अभद्रता भी की गई। इस मामले में सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी, वायु प्रदूषण फैलाने के मामले में मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी है।
इंटरनेट पर गाड़ी का नंबर डालकर चेक किया,जो मेरठ नगर निगम के.नाम दर्ज है। आशंका है कि नगर निगम मेरठ में पंजीकृत गाड़ी नगर निगम मुरादाबाद में और भी चल रही हैं। गाड़ी पर नगर निगम मुरादाबाद लिखकर एटूजेड कंपनी में पूर्व में काम करने वाले कर्मचारी प्राइवेट रूप से कूड़ा उठा रहे थे और ट्रंचिंग ग्राउंड की बजाए चोरी छुपे खाली स्थानों पर अवैध रूप से कूड़ा डाला जा रहा था। गाड़ी को चलाने वाले दो भाई रोहित और रोबिन नगर नगम मुरादाबाद पहुंचे और मुरादाबाद में एटूजेड से अनुबंध के पत्र दिखाने लगे। निगम के कानूनी सलाहकार अभिनाष गौतम ने प्रपत्र चेक किए, जिससे 2014-15 में एक साल का करार था, जो कई साल पहले खत्म हो गया है। एटूजेड कंपनी मेरठ में भी काम करके छोड़ चुकी है। लेकिन, नगर निगम मेरठ की गाड़ी लेकर फरार हो गए और मुरादाबाद में आकर प्राइवेट रूप से कूड़ा उठाते मिली है। इस गाड़ी के साईड डाले पर वेस्ट मैनेजमेंट मेरठ लिमिटेड 18001200112 लिखा है। मामला नगर आयुक्त संजय चौहान के पास पहुंचा तो उन्होंने एफआइआर के निर्देश दिए हैं।
मुरादाबाद से भी लेकर भागे थे वाहन
मुरादाबाद नगर निगम से जब एटूजेड कंपनी का भुगतान को लेकर विवाद हुआ था, तब एटूजेड को दिए गए कूड़ा उठाने के वाहन लेकर वाहन लेकर यह कंपनी भागी थी। अब पकड़े गए कर्मचारी एटूजेड में भी काम नहीं कर रहे हैं और ना ही ए टू जेड कंपनी मुरादाबाद और मेरठ में वर्तमान में काम कर रही है। इससे स्पष्ट है कि गाड़ी चलाने वाले एटूजेड के नाम पर भी धोखाधड़ी कर रहे हैं।