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पुलिस कर्मी ने जिससे ली दवा वह निकला कोरोना पॉजिटिव, दोस्ती से मुश्किल में पड़े नेताजी Moradabad News

मुहल्ले के लोगों ने भी अब बांस-बल्ली लगाकर रास्ता बंद कर दिया है। नेताजी परेशान हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 01:10 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 01:10 PM (IST)
पुलिस कर्मी ने जिससे ली दवा वह निकला कोरोना पॉजिटिव, दोस्ती से मुश्किल में पड़े नेताजी  Moradabad News
पुलिस कर्मी ने जिससे ली दवा वह निकला कोरोना पॉजिटिव, दोस्ती से मुश्किल में पड़े नेताजी Moradabad News

मुरादाबाद (मोहन राव)। सत्ताधारी दल के एक नेताजी इस समय सांसत में हैं। खाकी महकमे में नेताजी का खासमखास उनके घर रोज आता-जाता था। मुहल्ले के लोग भी नेताजी के घर आते-जाते उसे देखते थे। कुछ दिन पूर्व ही खाकी वर्दी वाले की कुछ तबीयत खराब हुई तो उसने दवा ली। अब दवा देने वाला ही कोरोना पाजिटिव निकल गया और उसकी मृत्यु भी हो गई है। इतना सुनने के बाद मंडी चौक के पास रहने वाले साहब की हालत खस्ता हो गई। पता चल रहा है कि उन्होंने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। जैसे ही जानकारी नेताजी को मिली, उनके हाथ-पांव फूल गए। अब नेताजी कह रहे हैं कि किसी के शरीर में कोरोना वायरस है या नहीं, इसकी पुष्टि कैसे होगी। परिवार के सदस्य की तरह था। 

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सोशल मीडिया पर नेताजी

सत्ताधारी दल में नेताजी की खासी धमक है। अपने साथियों को लगातार सतर्क रहने का सुझाव देने वाले नेताजी अपने ही कार्यकर्ताओं के बीच मजाक बन गए। एक कार्यकर्ता के घर पर चार्जिंग वाला पंखा चल रहा था। किसी कारण पंखे में लगा कंडेन्सर फट गया, अगल-बगल में रखा कुछ सामान जल गया। परिवार के सभी लोग सुरक्षित थे, बस कुछ सामान का नुकसान हुआ। जैसे ही इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया, शहर सदर ने कमेंट में गुड जॉब लिख दिया। यह बात कार्यकर्ता को नागवार लगी तो उसने भगवान से सद्बुद्धि की मांग की। यह बात कार्यकर्ताओं के बीच आग की तरह फैलने लगी तो नेताजी भी घबरा गए। स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मेरे कहने का मतलब गुडवर्क था। कार्यकर्ताओं ने भी पोस्ट पर लिखे गए गुडजॉब को किसी तरह से गुडवर्क में तब्दील कराया गया। इसके बाद मामला शांत हुआ तो राहत मिली।

कोरोना में मैडम से फुर्सत

विकास के दफ्तर में कामकाज का अजीब तरीका है। मैडम से परेशान साहब को लॉकडाउन में कुछ फुर्सत तो मिली है लेकिन, कोरोना ने परेशान कर दिया है। गांव-गांव कोरोना से बचाव की जानकारी देने के लिए साहब को गु्रप पर मैसेज चलाना पड़ रहा है। खेलकूद के प्रति युवाओं को जागृत करने वाले साहब पिछले कुछ महीनों से अपने ही दफ्तर में तैनात महिला कर्मचारी से परेशान थे। कोरोना के चलते महिला कर्मचारी दफ्तर नहीं आ रही हैं, साहब खुश हैं। कहते हैं कि लॉकडाउन के बहाने मैडम से छुट्टी मिली है लेकिन, कोरोना परेशान कर रहा है। किसी तरह दफ्तर आ रहे हैं। कोई दफ्तर में आकर सामने बैठ जाता है तो डर लगने लगता है। संक्रमण को लेकर मन में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं। ऐेसे में क्या करें, काम करना है। साहब की परेशानी देख दूसरे कर्मचारी मन-ही-मन मुस्कराकते हुए से दिखाई देते हैं।

चमकाने में लगे सभी कार्यकर्ता

लॉकडाउन चल रहा है। सत्ताधारी दल में शहर सदर से लेकर जिला सदर तक जरूरतमंदों में राशन बांट रहे हैं, इनमें कुछ ऐसे कार्यकर्ता भी हैं जो खुद को चमकाने में लगे हैं। शहर में तो एक कार्यकर्ता से शहर सदर नाराज हो गए, बोले, ज्यादा उछलने की कोशिश मत करो, पार्टी के निर्देशानुसार ही कार्य होगा। शहर सदर की बातें कार्यकर्ता को कुछ समय के लिए बुरी जरूर लगीं। उसने कुछ दिन तक नेताजी के किए कामों पर चुप्पी साध रखी तो शहर सदर खुद ही एक्टिव हो गए। इसे देख कार्यकर्ता परेशान हुआ और दोबारा से शहर सदर के पास पहुंचकर बोला कि आगे से पार्टी लाइन का ध्यान रखूंगा, इसके बाद ही शहर सदर ने उसे कार्य की जिम्मेदारी सौंपी। कार्यकर्ता अब उससे कह रहे हैं कि अपने को आगे रखने की पुरानी आदत के कारण ही अध्यक्ष जी नाराज हुए, आगे से ऐसा मौका मत देना। 


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